________________ 312 ] [श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: प्रथमो विभाग तिविहा पन्नत्ता तंजहा-सचित्ता अचित्ता मीसिता 3 / राइड्डी तिविधा पन्नत्ता तंजहा-रन्नो अतियाणिड्डी रन्नो निजाणिड्डी रगणो बलवाहणकोसकोटागारिड्डी 4 / ग्रहवा रातिडी तिविहा पन्नत्ता तंजहा--सचित्ता अचित्ता मीसिता 5 / गणिड्डी तिविहा पन्नत्ता जहा-णाणिडदी दंसणिडढी चरित्तिड्ढी 6 / अहवा गणिड्ढी तिविहा पन्नत्ता तंजहा--सचित्ता अचित्ता मीसिया 7 ॥सू० 214 // ततो गारवा पन्नत्ता तंजहा-इड्ढीगारवे रसगारवे सातागारवे ॥सू० 215 // तिविधे करणे पन्नते तंजहा-धम्मिते करणे अधम्मिए करणे धम्मिताधम्मिए करणे ॥सू० 216 // तिविहे भावता धम्मे पन्नते तंजहा-सुत्रः धिज्झिते सुज्झातिते सुतवस्सिते, जया सुअधिज्झितं भवति तदा सुज्झातियं भवति जया सुभातिय भवति तदा सुतवस्सियं भवति, से सुअधिज्झितिसुज्झातिते सुतवस्सिते सुतक्खाते णं भगवता धम्मे पराणत्ते ॥सू० 217 // तिविधा वावत्ती पन्नत्ता तंजहा-जाणू अजाणू वितिगिच्छा, एवमझोववजणा परियावजणा ॥सू० 218 // तिविधे अंते पन्नत्ते तंजहा-लोगते वेयंते समयंते ॥सू० 211 // ततो जिणा पनत्ता तंजहा-योहिणाणजिणे मणपजवणाणजिणे केवलणाणजिणे 1 / ततो केवली पन्नत्ता तंजहा-योहिनाणकेवली मणपन्जवनाणकेवली केवलनाणकेवली 2 / तो अरहा पन्नत्ता तंजहाश्रोहिनाणपरहा मणपजवनाणपरहा केवलनागाअरहा 3 ॥सू. 220 // ततो लेसायो दुब्भिगंधायो पत्नत्तायो तंजहा-कराहलेसा णीललेसा काउलेसा 1 / तो लेसायो सुब्भिगंधातो पन्नत्तायो तंजहा-तेउलेसा पम्हलेसा सुक्कलेसा 2 / एवं दोग्गतिगामिणीयो 3 / सोगतिगामिणीयो 4 / संकिलिट्ठायो 5 / संकिलिट्ठायो 6 / अमणुनायो 7) मणुनायो / अविसुद्धायो / विसुद्धायो 10 अप्पसत्थायो 11 / पसत्थायो 12 / सीतलुक्खायो 13 / णिद्धराहायो 14 ॥सू० 221 // तिविहे मरणे पन्नत्ते तंजहा-बालमरण पंडियमरणे बालपंडियमरणे // बालमरणे तिविहे पन्नत्ते तंजहा-ठितलेसे