________________ श्रीमत्स्थानाङ्गसूत्रम् :: अध्ययनं 2 ] [ 266 भिज्जति 2 / दोहिं ठाणेहिं पोग्गला परिसडंति, तंजहा-सई वा पोग्गला परिसडंति परेण वा पोग्गला परिसाडिज्जति 3 एवं परिवडंति 4 विद्धंसंति 5 / दुविहा पोग्गला पन्नत्ता तंजहा-भिन्ना चेक अभिन्ना चेव 1, दुविहा पोग्गला पन्नत्ता तंजहा-भेउरध-मा चेव नोभेउरधम्मा चेव 2, दुविहा पोग्गला पन्नत्ता तंजहा-परमाणुपोग्गला चेव नोपरमाणुपोग्गला चेव 3, दुविहा पोग्गला पन्नत्ता तंजहा-सुहुमा चेव बायरा चेव 4, दुविहा पोग्गला पन्नत्ता जहा-बद्धपासपुट्टा चेव नोबद्धपासपुटा चव 5, दुविहा पोग्गला पन्नत्ता, तंजहा-परियादितच्चेव अपरियादितच्चेव . दुविहा पोग्गला पन्नत्ता तंजहा-यत्ता चेव अणत्ता चेव 7, दुविह। पान्गला पन्नत्ता तंजहा-इट्टा चेव अणिट्ठा चेव 8, एवं कंता 1 पिया 10 मगुन्ना 11 मणामा 12, ॥सू. 82 // दुविहा सदा पनत्ता तंजहा-अत्ता चेव अणत्ता चेव, 1 एवमिट्ठा जाव मणामा 6 / दुविहा स्वा पन्नत्ता तंजहा-अत्ता चेव यणत्ता चे, जाव मणामा, एवं गंधा रसा फासा, एवमिक्किक्के छ घालावगा भाणियव्वा ॥सू० 83 // दुविहे अायारे पन्नत्ते तंजहा-णाणायारे चेव नोनाणायारे चेव 1, णोनाणायारे दुविहे पन्नत्ते तंजहा-दसणायारे चेव नाईमणायारे चैव 2, नोदंसणायारे दुविहे पन्नत्ते तंजहा-चरित्तायारे चेव नाचरित्तायारे व 3, णोचरित्तायारे दुविहे पन्नते तंजहा-तवाघारे चे। वीरियायारे चेच 4 / दो पडिमा यो पन्नत्तायो तंजहा-समाहिपडि / / चैव उवहाण पडिमा चेव 1. दो पडिमायो पन्नतायो तंजहा-विवेगपडिमा चेव विउसग्गडमा चेव 2, दो पडिमायो पन्नताश्रो तंजहा-भदा चे सुभदा चेव 3, दो पडिमायो पन्नत्तायो तंजहा--महाभदा चेव सव्वतोभद्दा चेव 4, दोप डिमायो पन्नत्तायो तंजहाखुड्डिया चेव मोयपडिमा, महल्लिया चेव मोयपडिमा 5, दो पडिमायो पन्नत्तायो तंजहा-जवमज्मा चेव चंदपडिमा, वइरममा चेव चंदपडिमा 6, दुविहे सामाइए पनत्ते तंजहा-अगारसामाइए चेव श्रणगारसामाइए चेव ।सू० 8 //