________________ [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: प्रथमो विभागः समप्पेंति, तंजहा-सिंधू रोहितंसा हरिकंता सीतोदा णारीकंता रुप्पकूला रत्तवती, 4 / धायइसंडदीवपुरच्छिमद्धे णं सत्त वासा पंन्नता, तंजहा-भरहे जाव महाविदेहे 5 / धायइसंडदीवपुरच्छिमे णं सत्त वासहरपव्वता पन्नत्ता, तंजहा-चुल्लहिमवंते जाव मंदरे 6 / धायइसंडदीवपुरच्छीमेणं सत्त महानतीनो पुरच्छाभिमुहीतो कालोयसमुह समप्पेंति, तंजहा-गंगा जाव रत्ता 7 / धायइसंडदीवपुरच्छिमझेणं सत्त महानतीयो पञ्चत्थाभिमुहीयो लवणसमुई समप्पेंति, तंजहा-सिंधू जाव रत्तवती / धायइसंडदीवे पञ्चस्थिमद्धे णं सत्त वासा एवं चेव, णवरं पुरत्थाभिमुहीयो लवणसमुद्द समप्पेंति पञ्चत्थाभिमुहीयो कालोदं, सेसं तं चेव / पुक्खरवरदीवड्डपुरच्छिमद्धे णं सत्त वासा तहेव णवरं पुरस्थाभिमुहीयो पुक्खरोदं समुद्द समप्पेंति, पञ्चत्थाभिमुहीतो कालोदं समुद्द समप्पेंति, सेसंतं चेव, एवं पचत्थिमद्धेऽवि णवरं पुरस्थाभिमुहीयो कालोदं समुद्द समप्प्येति पञ्चत्याभिमुहीयो पुवखरोदं समप्पंति 10/ सव्वस्थ वासा वासहर. पव्वता णतीतो य भाणितव्वाणि 11 // सू० 555 / / जंबुद्दीवे (2) भारहे वासे तीताते उस्स(योस)प्पिणीते सत्त कुलगरा हुत्था, तंजहा-मित्तदाम सुदामे य, सुपासे य सयंपभे / विमलघोसे सुघोसे त, महाघोसे य सत्तमे // 1 // जंबुद्दीवे (2) भारहे वासे इमीसे योसप्पिणीए सत्त कुलगरा हुत्था-पदमित्थ विमलवाहण 1 चक्खुम 2 जसमं 3 चउत्थमभिचंद 4 / तत्तोय पसेणइ 5 पुण मरुदेवे चेव 6 नाभि य 7 // 1 // एएसि णं सत्तरहं कुलगराणं सत्त भारि. यायो हुत्था, तंजहा-चंदजसा 1 चंदकंता 2 सुरूव 3 पडिरूव 4 चवखु. कंता 5 य / सिरिकता 6 मरुदेवी 7 कुलकरइत्थीण नामाई // 2 // जंबुहीवे (2) भारहे वासे श्रागमिस्साए उस्सप्पिणीए सत्त कुलकरा भविस्संतिमित्तवाहण सुभोमे य, सुप्पमे य सयंपमे। दत्ते सुहुमे [सुहे सुरूवे य] सुबंधू य, श्रागमेस्सि(मिस्से)ण होवखती // 1 // विमलवाहणे णं कुलकरे सत्तविधा रुक्खा उपभोगत्ताते हब्बमागच्छिसु, तंजहा-मत्तंगता. त भिंगा