________________ 384 ] [ श्रीमदागमसुधासिन्धुः :: प्रथमो विभागः मणुयगती देवगती सिद्धिगती // सू० 442 // पंच इंदियत्था पन्नत्ता तंजहा-सोतिंदियत्थे जाव फासिंदियत्थे 1 / पंच मुंडा पनत्ता तंजहासोतिंदियमुंडे जाव फासिंदियमुडे 2 / श्रहवा पंच मुंडा पन्नत्ता तंजहाकोहमुडे माणामुडे मायामुडे लोभमुंडे सिरमुडे 3 // सू० 443 // अहेलोगे णं पंच बायरा पन्नत्ता तंजहा-पुढविकाइया अाउकाइया वाउकाइया वणस्सइकाइया पोराला तसा पाणा 1 / उड्डलोगे णं पंच बायरा पन्नत्ता तंजहा-एवं तं चेव 2 / तिरियलोगे णं पंच बायरा पन्नत्ता तंजहाएगिदिया जाव पंचिंदिता 3 / पंचविधा बायरतेउकाइया पन्नत्ता तंजहाइंगाले जाला मुम्मुरे अच्ची अलाते 4 / पंचविधा बादरखाउकाइया पन्नत्ता तंजहापाईणवाते पडीणवाते दाहिणवाते उदीणवाते विदिसवाते 5 / पंचविधा अचित्ता वाउकाइया पन्नत्ता तंजहा-अक्कंते धंते पीलिए सरीराणुगते संमुच्छिमे 6 // सू० 444 // पंच निग्गंथा पन्नत्ता तंजहा-पुलाते बउसे कुसीले णिग्गंथे सिणाते 1 / पुलाए पंचविहे पन्नत्ते तंजहा-णाणपुलाते दंसणपुलाते चरित्तपलाते लिंगपुलाते अहासुहुमपुलातें नामं पंचमे 2 / बउसे पंचविधे पन्नत्ते तंजहा-थाभोगबउसे अणाभोगबउसे संवुडबउसे असंबुडबउसे श्रहासुहुमबउसे नामं पंचमे 3 / कुसीले पंचविधे पनत्ते तंजहाणाणकुसीले दंसणकुसीले चरितकुसीले लिंगकुसीले अहासुहुमकुसीले नाम पंचमे 4 / नियंठे पंचविहे पन्नत्ते तंजहा-पढमसमयनियंठे अपदमसमयनियंठे चरिमसमयनियंठे अचरिमसमयनियंठे अहासुहुमनियंठे 5 / सिणाते पंच. विधे पन्नत्ते तंजहा-अच्छवी, असबले, अकम्मसे, संसुद्धणाणदंसणधरे थरहा जिणे केवली, अपरिस्सावी 6 // सू० 445 // कप्पंति (कप्पइ) णिग्गंथाण वा णिग्गंथीण वा पंच वत्थाई धारित्तए वा परिहरित्तते वा, तंजहा-जंगिते भंगिते साणते पोत्तिते तिरीडपट्टते णामं पंचमए / कप्पइ निग्गंथाण वा निग्गंधीण वा पंच रयहरणाई धारित्तए वा परिहरित्तते वा