________________ देविदत्थओ [बत्तीसदेविंदसरूवाइविसया पुच्छा ] 'बत्तीसं देविंद'त्ति भणियमित्तम्मि सा पियं भणइ। अंतरभासं' ताहे (?ता ह) काहामी कोउहल्लेणं // 7 // . कयरे ते बत्तीसं देविदा ? को व कत्थ परिवसइ ? / केवइया कस्स ठिई ? को भवणपरिग्गहो कस्स ? // 8 // केवइया व विमाणा ? भवणा ? नगरा व हुंति केवइया ? / पुढवीण व बाहल्लं? उच्चत ? विमाणवन्नो वा ? // 9 // के केणाऽऽहारंति व कालेणुक्कोस मज्झिम जहण्णं ? / . उस्सासो निस्सासो ओहीविसओ व को केसिं ? // 10 // विणओवयारउवहम्मियाइ हासरसमुव्वहंतीए'। पडिपुच्छिओ पियाए भणइ, सुयणु ! तं निसामेह // 11 // . [बत्तीसदेविंदसरूवाइविसयं उत्तरं ] सुयणाणसागराओ सुणिउं पडिपुच्छणाई जं लद्धं / सुण' वागरणावलियं नामावलियाइ इंदाणं / / 12 / / सुण वागरणावलियं रयणं व पणामियं च वीरेहिं / तारावलि व्व धवलं हियएण पसन्नचित्तेणं // 13 // [भवणवइदेवाहिगारो] रयणप्पभापुढवीनिकुडवासी सुतणु ! तेउलेसागा / वीसं विकसियनयणां' भवणवई मे निसामेह // 14 // 1. भासं हावं का सं० // 2. काहेमो प्र० हं० सा० // 3. हासवसमु प्र० हं० सा० // 4. °च्छिए पि° सा० // 5. पुण प्र० सा० // 6. °वलियं च इं" सं०॥ 7. °प्पभाइकुडनिकुड° प्र० सा० / 'प्पमाइपुढनिकुड हं० // 8. °लेस्सागा सं० // ९.°णा समदिट्टी सव्वदेविंदा सापा० //