________________ ( lxv ) इय सिद्धाणं सोक्खं अणोवमं, पत्थि तस्स ओवम्मं / किञ्चि विसेसेणेत्तो सारिक्खमिणं सुणह वोच्छं / जह सव्वकामगुणितं पुरिसो भोत्तूण भोयणं कोइ / तण्हा-छुहाविमुक्को अच्छेज्ज जहा. अमियतित्तो // इय सव्वकालतित्ता अतुलं जेव्वाणमुवगया सिद्धा। सासयमव्वाबाहं चिटुंति सुही सुहं पत्ता / / सिद्ध त्ति य बुद्ध ति य पारगत ति य परंप रगत त्ति / उम्मुक्ककम्मकवया अजरा अमरा असंगा य // णित्थिण्णसव्व दुक्खा जाति-जरा-मरणबंधणविमुक्का / . . अव्वाबाहं सोक्खं अणुहुंती सासयं सिद्धा / / ' 1. क. प्रज्ञापना-मुनि मधुकर, सूत्र-१५९-१७९ / ख. तित्थोगाली इण्णयं-गाथा 1226 से 1255