________________ देविदत्थओ ( xlvi ) चोयाल चंदसयं, चोयालं चेव सूरियाण सयं / पोक्खरवरम्मि एए चरंति संबद्धलेसाया // 118 // चत्तारिं च सहस्सा बत्तीसं चेव होंति नक्खत्ता। छच्च सया बावत्तर महग्गहा बारस सहस्सा. // 119 / / छन्नउइ सयसहस्सा चोयालीसं भवे सहस्साइ। . चत्तारि तह सयाई तारागणकोडिकोडीणं // 120 // बावत्तरि च चंदा, बावत्तरिमेव दिणयरा दित्ता।.. पुक्खरवरदीवड्ढे चरंति एए पगासिंता // 121 // तिण्णि सया छत्तीसा छच्च सहस्सा महग्गहाणं तु / नक्खत्ताणं तु भवे सोलाणि दुवे सहस्साणि // 122 // अडयालसयसहस्सा बावीसं खलु भवे सहस्साइ। दो य सय पुक्खरद्धे तारागणकोडिकोडीणं // 122 // बत्तीसं चंदसयं 132, बत्तीस चेवं सूरियाण सयं // 123 // सयलं मणुस्सलोयं चरंति एए पयासिंता // 124 // एक्कारस य सहस्सा छप्पि य सोला महग्गहसया उ 11616 // छ च्च सया छन्नउआ नक्खत्ता तिण्णियसहस्सा 3696 // 125 // अट्ठासीइ चत्ताइ सयसहस्साई मणुयलोगम्मि / सत्त य सया अणूणा तारागणकोडिकोडीणं / / 126 / / एसो तारापिंडो सव्वसमासेण मणुयलोगम्मि। . बहिया पुण ताराओ जिणेहिं भणिया असंखेजा // 127 / /