________________ ( xxxix ) किण्णर किंपुरिसे खलु 5 सप्पुरिसे खलु तहा महापुरिसे 6 / अइकाय महाकाए 7 गोयरई चेव गीतजसे 8 / सण्णिहिया सामाणा 1 धाय विधाए 2 इसी य इसिपाले 3 / ईसर महेसरे या 4 हवइ सुवच्छे विसाले य 5 // हासे हासरई वि य 6 सेते य तहा भवे महासेते 7 / पयते पययपई वि य 8 नेयव्वा आणुपुव्वीए / ' जोइसिया पंचविहा पन्नत्ता / तंजहा चंदा 1 सूरा 2 / गहा 3 नक्खत्ता 4 तारा 5 // अद्धकविटुग संठाणसंठिता सव्वफलियामया। जोइसियाणं देवाणं तिरियमसंखेज्जा जोइसियविमाणावाससतसहस्सा। जम्बूद्वीपप्रज्ञप्ति : छप्पणं खलु-भाए-विच्छिण्णं चंदमंडलं होइ / अट्ठावीसं भाए बाइल्लं तस्स बोद्धव्वं // - 1. (क) प्रज्ञापनासूत्र--मुनि मधुकर, पृ० 165, 168, 169. (ख) तिलोयपण्णत्ति--महा० 3 गाथा 25, 34-49. . 2. (क) प्रज्ञापनासूत्र-मुनि मधुकर, पृ० 112, सूत्र-१४२(i). . (ख) तिलोयपण्णत्ति महा० 7, गाथा 7. 3. वही, पृ० 170, सूत्र-१९५ (i)