________________ व्याकरणिक विश्लेषण 117 (दिणयर ) 1/2 दित्ता ( दित्त ) भूकृ 1/2 अनि चित्ततरलेसागा [(चित्त ) + ( अंतर ) + ( लेसा )] [ ( चित्त ) - ( अंतर )( लेसा) 'अ' स्वार्थिक 1/2 ] सुहलेसा [ (सुह) - ( लेसा ) 1/1 ] मंदलेसा [ ( मंद) - ( लेसा) 1/1 ] य ( अ ) = और 157. अट्ठासीइ ( अट्ठासीइ ) 1/1 च ( अ ) = और गहा ( गह )1/2 अट्ठावीसं ( अट्ठावीस ) 1/1 च ( अ ) = और होंति ( हो ) व 3/2 अक नक्खत्ता ( नक्खत्त ) 1/2 एगगससोपरिवारो [( एग) - ( ससि)- ( परिवार ) .1/1] एतो ( अ ) - इसके बाद ताराण* ( तारा) 6/2 वोच्छामि ( वोच्छ ) व 1/1 सक * कभी कभी द्वितीया विभक्ति के स्थान पर षष्ठी विभक्ति का प्रयोग पाया जाता है / ( हेम प्राकृत व्याकरण 3-134 ) .. 158. छावठिसहस्साई [( छावट्ठि) - ( सहस्स ) 1/2] नव ( नव ) मूलशब्द .1/2 चेव [(च) + (एव)] च (अ) = और एव (अ) = ही सयाई ( सय ) 1/2 पंचसयराइ [(पंच ) - ( सयर ) 1/2] एगससोपरिवारो [( एग)-(ससि* ) - (परिवार) 1/1] तारा गणकोडिकोडोणं [( तारागण )- (कोडिकोडि ) 6/2 वि ] * मात्रा पूर्ति में दीर्घ का ह्रस्व हो जाया करता है। 159. वाससहस्सं ( वाससहस्स ) 1/1 पलिओवम (पलिओवम )1/1 च ( अ ) = और सूराण ( सूर) 6/2 सा ( सा) 1/1 स ठिई (ठिइ ) 1/1 भणिया ( भण ) भूकृ1/1 पलिओवम (पलिओवम) मूलशब्द 1/1 चंदाणं ( चंद) 6/2 वाससयसहस्समन्भहियं . [ ( वाससयसहस्सं ) + ( अब्भहियं )] [( वाससयसहस्स)(अब्भहिय ) 1/1] 160. पलिओवमं ( पालिओवम ) 1/1 गहाणं ( गह) 6/2 नक्खताणं ( नक्खत्त ) 6/2 च ( अ ) = और जाण ( जाण ) मूलशब्द 1/1 पलियद्ध [( पलिय ) + ( अद्धं )][( पलिय )- ( अद्ध ) 1/1] पलियचउत्थो [(पलिय ) - (चउत्थ ) 1/1] भागो ( भाग )1/1