________________ व्याकरणिक विश्लेषण 115 148. तेण ( अ ) = उसी प्रकार परं (अ) = दुसरे जे ( ज ) 1/1 स सेसा ( सेस ) 1/2 चंदा इच्च-गह-तार-नक्खता [ ( चंद)+ (आइच्च ) + (गह )+ (तार ) + ( नक्खत्ता) ] [ ( चंद)(गह ) -( तार ) - ( नक्खत्त ) 1/2 ] नत्थि ( अ ) = नहीं गई (गइ ) 1/1 न ( अ ) = नहीं वि ( अ ) = पादपूर्ति चारो (चार) 1/1 अवट्ठिया ( अवठ्ठिय ) 1/2 ते (त) 1/2 स मुणेयव्या (मुण ) विधि कृ 1/2 149. एए ( एअ ) 1/2 स जंबुद्दीवे ( जंबुद्दीव ) 7/1 दुगुणा (दुगुण) 1/2 लवणे ( लवण ) 7/1 चउग्गुणा ( चउग्गुण ) 1/2 होति (हो) व 3/2 अक कालोयणा (कालोयण) 5/1 तिगुणिया [(तिगुण +इया ).] [ (तिगुण ) - ( इय ) 1/2 ] ससि-सूरा [ ( ससि )-(सूर) 1/2 ] पायईसंडे (धायईसंड) 7/1 150. दो ( दो) 1/1 चंदा ( चंद ) 1/2 इह (अ) = यहां दीवे (दीव) 7/1 चत्तारि ( चउ) 1/2 य (अ) और सागरे ( सागर) 7/1 लवणतोए [(लवण) - ( तोअ)7/1] धायइसंडे (धायईसंड) 7/1 दोवे ( दीव ) 7/1 बारस (बारस) मूलशब्द 1/2 चंदा (चंदा) 1/2 य ( अ ) = और सूरा (सूर) 1/2 य (अ)3 और 151. पायइसंडप्पभिई* [ (धायइसंड) - (अप्पभिइ) 2/2 ] उदिट्ठा ( उद्दिट्ठ ) भूकृ 1/2 अनि तिगुणिया [(ति) + (गुण) + (इया) ] . . [(ति)- (गुण)-(इय) 1/2] भवे (भव) व 3/2 अक चंदा (चंद) 1/2 आइल्लचंदसहिया [ (आइल्लचंद )- (सहिय) भूकृ 1/2 ] अणंताणंतरे [ ( अणंत ) + ( अणंतरे ) ] [ (अणंत) - (अणंतर) 7/1 ] खेत्ते ( खेत्त ) 7/1 * कभी-कभी द्वितीया विभक्ति का प्रयोग सप्तमी के स्थान पर भी होता है / (हेम प्राकृत व्याकरण 3/137) 132. रिक्ख-गह-तारगं [ (रिक्ख)-( गह) - ( तारग) 2/11 बोवे-समुद्दे / ( दोव ) - ( समुद्द) 7/1 ] जइच्छसे [ ( जइ) + /