________________ देविदत्थओ एसा कप्पवईणं कप्पठिई वणिया समासेणं / गेवेजऽणुत्तराणं सुण अणुभागं विमाणाणं // 179 // [गेवेञ्जगदेवाणं नाम-विमाणसंखा-ठिइआइ ] तिण्णेव य गेवेजा हिदिल्ला 1 मज्झिमा 2 य उवरिल्ला 3 / एक्केक्कं पि य तिविहं, एवं नव होति गेवेजा / / 180 // सुदंसणा 1 अमोहा 2 य सुप्पबुद्धा 3 जसोधरा 4 / . वच्छा 5 सुवच्छा 6 सुमणा 7 सोमणसा 8 पियदसणा 9 . // 181 // एक्कारसुतरं हेट्ठिमए, सत्तुतरं च मज्झिमए / सयमेगं उवरिमए, पंचेव अणुत्तरविमाणा // 182 // हेद्विमगेवेजाणं तेवोसं सागरोवमाई ठिई / एककेकमारुहिज्जा अट्ठहिं सेसेहिं नमियंगि ! // 183 // [अणुत्तरदेवाणं नाम-विमाण-ठाण-ठिइआइ] . विजयं 1 च वेजयंत 2 जयंत 3 मपराजियं 4 च बोद्धव्वं / सव्वट्ठसिद्धनामं 5 होइ चउण्हं तु मज्झिमयं // 184 / / पुव्वेण होइ विजयं, दाहिणओ होइ वेजयंतं तु / अवरेणं तु जयंतं, अवराइयमुत्तरे पासे / / 185 // एएसु विमाणेसु उ तेत्तोस सागरोवमाइं ठिई। सब्वट्ठसिद्धनामे अजहन्नुक्कोस तेत्तोसा // 186 // [गेवेजगाऽणुत्तरदेवविमाणाण आगारो] हेछिल्ला उवरिल्ला दो दो जुवलऽद्धचंदसंठाणा / पडिपुण्णचंदसंठाणसंठिया मज्झिमा चउरो // . 187 / /