________________ नंदिसुत्ते वड्डमाणओहिणाणं [६२४परिपेरंतेहिं परिघोलेमाणे परिघोलेमाणे तमेव जोइट्ठाणं पासइ, अण्णत्थ गए ण ... पासइ, एवमेव अणाणुगामियं ओहिणाणं जत्थेव समुप्पज्जइ तत्थेव संखेज्जाणि वा असंखेज्जाणि वा संबद्धाणि वा असंबद्धाणि वा जोयणाइं जाणइ पासइ, अण्णत्य गए ण पासइ / से तं अणाणुगामियं ओहिणाणं 2 / 24. से किं तं वड्ढमाणयं ओहिणाणं ? वड्ढमाणयं ओहिणाणं पैसत्थेसु अज्झर्वसाणट्ठाणेसु वट्टमाणस्स वट्टमाणचरित्तस्स विसुज्झमाणस्स विसुज्झमाणचरित्तस्स सव्वओ समंता ओही वड्ढइ। जावतिया तिसमयाहारगस्स सुहुमस्स पणगजीवस्स / ओगाहणा जहन्ना ओहीखेत्तं जहन्नं तु // 45 // सव्वबहुअगणिजीवा णिरंतरं जत्तियं भरेजंसु / खेत्तं सव्वदिसागं परमोही खेत्तनिट्ठिो॥ 46 // अंगुलमावलियाणं भागमसंखेज, दोसु संखेज्जा। अंगुलमावलियंतो, आवलिया अंगुलपुहत्तं // 47 // हत्थम्मि मुहुत्तंतो, दिवसंतो गाउयम्मि बोद्धव्यो। . जोयण दिवसपुहत्तं, पक्खंतो पण्णवीसाओ॥४८॥ भरहम्मि अद्धमासो, जंबुद्दीवम्मि साहिओ मासो। वासं च मणुयलोए, वासपुहत्तं च रुयगम्मि॥४९॥ संखेजम्मि उं काले दीव-समुद्दा वि होति संखेजा / कालम्मि असंखेजे दीव-समुद्दा उ भइयव्वा // 50 // . काले चउण्ह वुड्ढी, कालो भइयव्वु खेत्तवुड्ढीए / वुड्ढीए दव्व-पज्जव भइयव्वा खेत्त-काला उ // 51 // सुहमो य होइ कालो, तत्तो सुहमयरयं हवइ खेत्तं / अंगुलसेढीमेत्ते ओसप्पिणिओ असंखेज्जा // 52 // से तं वड्ढमाणयं ओहिणाणं. 3 / 1. एवामेव मु० // 2. ओहिनाणं डे० ल०॥ 3. पसत्थेहिं भज्झवसाणट्ठाणेहिं खं० मो० // 4. °सायट्ठा सं० / / 5. वीसं तु ल. / वीसंतो डे० // 6. वि शु० / य मो० //