________________ 149] अट्ठमो वग्गो 47 णाए अन्तिए सामाइयमाइयाई एक्कारस अगाई अहिजित्ता बहुपडिपुण्णाइं अट्ठ संवच्छराइंसामण्णपरियागं पाउणित्ता मासियाए संलेहणाए अत्ताणं झूसित्ता सढि भत्ताई अणसणाए छेइत्ता जस्सट्टाए कीरइ जाव चरिमुस्सासनीसासेहिं सिद्धा 5 // 147 // निक्खेवओ // 1 // तेणं कालेणं 2 चम्पा नाम नयरी, पुण्णभद्दे चेइए, कृणिए राया। तत्थ णं सेणियस्स रन्नो भजा कूणियस्स रन्नो चुल्लमाउया सुकाली नामं देवी होत्था / जहा काली तहा सुकाली वि निक्खन्ता, जाव बहहिं चउत्थ° जाव भावेमाणी विहरइ // 148 // तए णं सा सुकाली अजा अन्नया कयाइ जेणेव अजचन्दणा अजा जाव " इच्छामि णं, अजो, तुब्भेहिं अब्भणुनाया समाणी कणगावलीतबोकम्मं उवसंपजित्ताणं विहरित्तए"। एवं जहा रयणावली तहा कणगावली वि,नवरं तिसु ठाणेसु अट्ठमाई करेइ जहा रयणावलीए छट्ठाई। एकाए परिवाडीए संवच्छरो पञ्च मासा बारस य अहोरत्ता, चउण्हं पञ्च वरिसा नव मासा अट्ठारस दिवसा, सेसं तहेव / नव वासा परियाओ जाव सिद्धा 5 // 149 // एवं महाकाली वि, नवरं खुड्डागं सीहनिकीलियं तवोकम्म उपसंपजित्ताणं विहरइ / तं जहा-चउत्थं करेइ, 2 सव्वकामगुणियं पारेइ / 2 छटुं करेइ, 2 सव्वकाम...। चउत्थं... सब काम...। अट्टमं...सव्वकाम... / छटुं...सव्वकाम ... / दसमं...सव्वकाम... / अट्टमं...सव्वकाम... / दुवालसमं ... सव्वकाम... / दसमं...सव्वकाम...। चोद्दसं... सव्यकाम ... / वारसमं...सव्वकाम...सोलसमं...सव्वकाम...चोदसं