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________________ याNS / शा४८-नुस . गिरविका उमः=====नाव में नरवक अपनाह कमा दाया 3 2 - निमित्त प्रमाद' साग ओर रामा 8 या अप्रमाद ----- 82 रघु यामास A या यर भूदा मैत्री दृष्टि ---मेरा चित्ता पयपादान से व्यापार प्रत्यवेक्षाः रात . प्रतिसंख्या. रा रा रहिम मानस पर र रितिकासरयां अलोभ-----"24 TAH विस अचा: अद्वेषपेर र रमेश या गुण ओर या अमाह - परिभानुरूप घर पेय र सवेजती. शेरि कुशलअगर अत्याग ----- मरः संज्ञता. रघर या विभव-------------- सभासः असंस्कृत' -- शं मेरका - अमृन' ---------य: बोध्यकि ------------- क रणा------------- शु कुरा गाशा स्वयः समय: चित्तविष' बोधिपाक्षिक वय मैत्री.. विध्ययोरया अनवजोन अविषाद श: सरणा
SR No.004349
Book TitleSix Philosophical Buddhist Tracts
Original Sutra AuthorN/A
AuthorAsiatic Society of Bengal
PublisherAsiatic Society of Bengal
Publication Year
Total Pages176
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size16 MB
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