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________________ विषय-सूची g" e * * * * * * * * टीकाकारका मंगलाचरण श्री अमरसिंह के लिए तत्त्वोपदेश करनेकी प्रार्थनापर टीकाकार द्वारा तत्त्वसारकी टीका रचनेका संकल्प करना तत्त्वसार-रचयिता श्रीदेवसेन द्वारा मंगलाचरण पूर्वाचार्यों द्वारा अनेक भेदरूप तत्त्वका निरूपण टीकाकार द्वारा दर्शनप्रतिमाका वर्णन. व्रतप्रतिमाका वर्णन सामायिकादि शेष प्रतिमाओंका वर्णन बारह प्रकारके तपोंका स्वरूप तेरह प्रकारके चारित्रका वर्णन चौदह जीवसमास और गुणस्थानोंके नाम मिथ्यात्व गुणस्थानका स्वरूप सासादन गुणस्थानका स्वरूप मिश्रगुणस्थानका स्वरूप अविरतसम्यक्त्व गुणस्थानका स्वरूप संयतासंयत गुणस्थानका स्वरूप प्रमत्तसंयत गणस्थानका स्वरूप अप्रमत्तसंयत गुणस्थानका स्वरूप अपूर्वकरण गुणस्थानका स्वरूप अनिवृत्तिकरणं गुणस्थानका स्वरूप सूक्ष्मसाम्पराय गुणस्थानका स्वरूप उपशान्तमोह गुणस्थानका स्वरूप क्षीणमोह गुणस्थानका स्वरूप सयोगिकेवली गुणस्थानका स्वरूप अयोगिकेवली गणस्थानका स्वरूप पन्द्रह प्रकारके धर्मका वर्णन सोलह कारणभावनाओंका स्वरूप आचार्य देवसेन द्वारा स्वगत और परगत तत्त्वका निरूपण परगत तत्त्वरूप पंचपरमेष्ठीके स्वरूप-चिन्तनका फल-निरूपण सविकल्प और निर्विकल्परूप स्वगत तत्त्वका निरूपण 2728 शुद्धभावरूप अभेदरत्नत्रय एवं शुद्धचेतनाका निरूपण 29-30 * * * * * * * * * * * * *
SR No.004346
Book TitleTattvasara
Original Sutra AuthorN/A
AuthorHiralal Siddhantshastri
PublisherSatshrut Seva Sadhna Kendra
Publication Year1981
Total Pages198
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size20 MB
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