________________ 104 प्रज्ञापनाप्रदेशव्याख्या प्रतिष्ठाकल्प, वहन्मिथ्यात्वमन्थन, मुनिपत्तिचरित्र, . यतिदिनकृत्य, यशोधरचरित्र, योगदृष्टिसमुच्चय, योगविन्दु, योगशतक, लग्नशुद्धि (लग्नकुण्डलि. लोकतत्त्वनिर्णEETलोकविन्दु विंशति ( विंशती,विशिका) वीर-स्तव, वीरांगदकथा, वेद-बाह्यतानिराकरण, व्यवहारकल्प, शास्त्रवार्तासमुच्चय, ( सटीका ) श्रावकप्रज्ञप्तिवृत्ति, श्रावकधर्मतन्त्र, षडदर्शनसमुच्चय षोडशक, संकितपचासी, सग्रहणोवृत्ति, संपंचासित्तरी,