________________ 103 ज्ञानपञ्चकविवरण, ज्ञानादित्यप्रकरण, दशवैकल्पिक-अवचूरि, वशवैकल्पिकवहट्टीका, / देवेन्द्रनरकेन्द्रप्रकरण, विजवदनचपेटा (वेदांकुश) धर्मविन्दुः, धर्मलाभसिद्धिः, धर्मसंग्रहणी, धर्मसारमूलटीका, धूर्ताख्यान (धूताख्यान,मी.) . नन्दोवृत्ति, न्यायप्रवेशसूत्रवृत्ति न्यायविनिश्चय, न्यायामृततरंगिणी, न्यायावतारवृत्ति, पञ्चनिग्रन्थो, पञ्चलिङ्गी, पञ्चवस्तु-सटीका, पञ्चसंग्रह, पञ्चसूत्रवृत्ति, पञ्चस्थानक, पञ्चाशक, परलोकसिद्धि, पिण्डनिर्मुक्तिवृत्ति (अपूर्ण)