________________ 541 नमस्कार स्वाध्याय विभाग ] . . पृष्ट पंक्ति अशुद्ध 11 द्विकगणनस्य 13 31452 14 14252 19 31543 23 52134 23 54142 28 45133 . सर्वप्रथम 7 50/40 / 12 ततः...... स्थायः। द्विकास्ततः 10 द्विकाः, अन्त्यादयस्तस्याः 20 विशत्तम द्विकगणस्य 21452 14352 31542 52143 53142 45132 (सर्व) प्रथम 5040 / 402 404 द्विकास्ततः त्रिक-द्विक-एकाः ततः एकाः, अन्त्यादयस्तस्यां त्रिंशत्तम लब्ध पङ्क्तावेकमपि [18] / 14 पङ्क्तौ वेकमपि / 10 [17] 411 45123 // वर्जितत्वा 241 =2 पश्चानु तृतीयकोष्ठकेषु आई आई " 720 413 18 45132 / 4146 वर्जित्वा . 29 242= 2 415 4 पाश्चनु 17. द्वितीय कोष्ठकेषु 417. 3 आयं 4 आयं 13.420 . 419 7 स्थितः पञ्चक एव च 420 1 4,5 / , - काठाओनी 424 24 ग्रहो 27 अभिलाषी, 28 सम्पत्तिना , 29 सुखकर 473 2 जणि ,,' 20-21 (चक्रेश्वरी वगेरे)...प्रकारे कोठाओनी ग्रहो (नी खराब असरो) x सम्पत्तिना अभिलाषी श्रेयस्कर जाणि (चक्रेश्वरी वगेरे)ना वाचक पदोनुं ध्यान श्री सद्गुरुना मुखेथी जाणीने करवू / मंत्रोपदोनुं ध्याम (आलेखन) आ प्रकारे छेविमलस्वामिने श्रीदेवतायै 22 विमलवाहनाय 27 देवतायै