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________________ 538 शुद्धिपत्रक [प्राकृत पृष्ठ पंक्ति - अशुद्ध मूलराशौ प्रश्ननामाङ्क षडूद्धवाः निरूपयेत् 295 m घनै शुक्रः गुरू 3 ro 309 322 2924 मूलाराशौ 293 8 प्रश्ननामकं 32 षडूः 20 नीरूपयेत् 27 धनै 31 शुक्र 32 पृष्टे 33 गुरौ 27 कलेशा 303 20 तन्त्रपलपदं 2 सप्ताविंशति 37 मेहच्छिन्नगयणे 1 वाममार्गणः 317 30 रागात् 27 श्वेते 27 पुनर्नवा मूलं 27 तन्दूल° 324 . 10 सोयमोरो 16 होहविराला 18 छक्कलेहिं 22 बुद्धतं 26 विज्जलाओ 36 अहिकड़ि 38 अणंति 1 सुरस्स 10 खरसूत्रेण 15 सव्व विछिय 16 संजातं 30 चक्रका 10 भस्मकरी भस्मकरी 19 सरावेऽध श्वेदनीयम् 20 सरावं 327 20 र्द्धन 328 1 खल्वे 329 22 पुति 333 13 सोहव 15 पयहा 18 अधिवासनायन्त्रः क्लेशा तन्त्रपालपदं सप्तविंशति मेहच्छण्णयणे वाममार्गणाः रोगात् श्वेतं पुनर्नवामूलं तन्दुल सो य मोरो होइ विराला वकलेहिं बुडूतं वि जलाओ अहिक आणति खरमूत्रेण सप्प विच्छिय संजात चक्राङ्का भस्मकरी भस्मकरी शरावेऽध स्वेदनीयम् शरावं 20 खरले सोहगा पइट्टा अधिवासनामन्त्रः : :
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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