________________ विभाग] नमस्कार स्वाध्याय / नवकाराओ अन्नो सारो मंतो न अस्थि तिअलोए / तम्हा य अणुदिणं चिय झायव्वो परमभत्तीए // 8 // नवकारसमो मंतो सितुंजयसमो गिरी। वीतरागसमो देवो न भूतो न भविस्सई // 9 // इति नवकारलघुकुलकम् // निहणइ सव्वभयाइं अहं सव्वं हणइ समइ विग्याई / समरिजंतो हिअए नवकारो नत्थि संदेहो // 1 // त्रण लोकमां नवकारथी सारभूत ( प्रधान ) अन्य कोई मंत्र नथी, तेथी प्रतिदिन परमभक्तिथी तेनुं ध्यान करवु जोईए // 8 // (आ जगतमां) नवकार जेवो मंत्र, शत्रुजय जेवो गिरि अने वीतराग जेवा देव बीजा कोई 10 थया नथी अने थशे पण नहीं // 9 // अंतमां हृदयमां भावपूर्वक स्मरण करातो नवकार सर्व भयोनो नाश करे छे, सर्व पापोनो नाश . करे छे अने सर्व विघ्नोने शमावे छे; एमां लेश पण संदेह नथी // 1 // परिचय आ ‘नमस्कार लघुकुलक' नी एक पानानी हस्तलिखित प्रति श्रीमुक्ताबाई ज्ञानमंदिर, डभोईना हस्तलिखित ज्ञानभंडारमाथी मळी हती। आ कुलकनी गाथाओ एककर्तृक लागती नथी / संभवतः आ गाथाओनो संग्रह छ / .. वळी आ प्रतिनी साथे 'घणघाइ०' पदथी शरू थ] 28 गाथा- जे स्तोत्र अगाऊ आप्यु छे ते पण हतुं, तेमां ए स्तोत्रनुं ' श्रीनवकार बृहत् कुलक' एबुं नाम आप्युं छे / 15 20