________________ विभाग] नमस्कार स्वाध्याय। 411 पञ्चममुदाहरणं यथा-पञ्चषष्टितमं रूपं नष्टम् / ततः पञ्चषष्टेरन्त्यपरिवर्तन भागे लब्धौ द्वौ / ततः पञ्चक-चतुष्करूपौ। अत्र द्वौ अङ्कौ गतौ / ताभ्यामवेतनस्त्रिको नष्टस्थाने लेख्यः / शेषाणां सप्तदशानां चतुर्थपतिपरिवर्तेन भागे लब्धौ द्वौ / पञ्चक-चतुष्करूपौ द्वौ अङ्कौ गतौ / तदनेतनस्त्रिकश्चेत स्थाप्यते तदा समयभेदः स्यादिति तं मुक्त्वा द्विकः स्थाप्यः / शेषाणां पञ्चानां तृतीयपतिपरिवर्तन भागे लब्धौ द्वौ, शेष एकः / अत्रापि पञ्चक-चतुष्को द्वौवकौ गतौ तदनेतनयोस्त्रिक-द्विकयोः स्थापने समयभेद / इति तौ त्यक्त्वा एककः स्थाप्यः / एकशेषत्वाच्छेषौ द्वावको क्रमेण स्थाप्यौ / यथा 4,5,1,2,3 / इदं पञ्चषष्टितम रूपम् / तथा षष्ठमुदाहरणम्-सप्तमं रूपं नष्टम् / तत्र सप्तानामन्त्यपरावर्तेन चतुर्विंशत्या भागो नाऽऽप्यते / ततोऽत्रैकमपि रूपं गतं नास्तीति पञ्चक एव स्थाप्यः / अथ सप्तानां चतुर्थपङ्क्तिपरिवर्तेन षट्करूपेण भागे लब्ध एकः, शेषश्चैकः / तत एकोऽन्त्योऽङ्कोऽत्र गतः 'नछुट्टिविहाणे' इत्यादि-वक्ष्यमाण[१७]गाथया 10 वर्जितत्वात् / पञ्चमपतिस्थितः पञ्चको गतमध्ये न गण्यते / ततोऽन्त्योऽङ्कोऽत्र चतुष्करूप एव गतः / तदनेतनस्त्रिकश्च नष्टस्थाने लेख्यः। एकशेषत्वाच्छेषा अङ्काः क्रमेण लेख्याः / यथा-१,२,३,४,५ / .. अथ सप्तममुदाहरणं या-एकचत्वारिंशत्तमं रूपं नष्टम् / एकचत्वारिंशतोऽन्त्यपरिवर्तन भागे लब्ध एकः / ततः एकोऽन्त्योऽङ्कः पञ्चको गतः तदनेतनचतुष्को नष्टस्थाने लेख्यः / ततश्चतुर्थपङ्क्तिपरिवर्तेन 6 रूपेण शेषसप्तदशानां भागे लब्धौ द्वौ / 'नट्ठद्दिट्ट” इत्यादिगाथया वर्जितत्वाच्चतुष्कं टालयित्वा शेषावन्त्या-15 आ रीते भागफळमां पण शून्य आवे छे, एटले अहीं एके अंक गत नथी, तेथी अंत्य अंक 5 नष्ट छ, अर्थात् चोवीशमी संख्यानो छेल्लो अंक 6 छे / हवे शेषमां पण शून्य रहे छे, तेथी आगळना अंको उत्क्रमथी मकवा जोईए. ते आ प्रमाणे :-4 3 2 1 / एम करतां चोवीसमी संख्याना नीचेना अंको प्राप्त थाय छे :-4 3 2 1 5 / ... (3) हवे पांच पदना प्रस्तारनुं सत्ताणुमुं रूप शोधी काढq होय तो अंत्य परिवर्ताक एटले 20 चोवीशथी तेने भाग देवो जोईए, ते आ प्रमाणे :-9724-4, शेष 1 / अहीं भागफळ 4 आव्युं छे, एटले छेल्ला चार अंको गयेला छे, तात्पर्य के 5-4-32 ना अंको गया छे, अने 1 नो अंक नष्ट छे, एटले सत्ताणुमी संख्यानो छेल्लो अंक 1 छ / हवे शेषमां एक छे, तेथी आगळना अंको क्रमथी मूकवा जोईए, ते आ प्रमाणे :-2 3 4 5 / ___एम करतां सत्ताणुमी संख्यामां नीचेना अंको प्राप्त थाय छे :-2 3 4 5 1 / 25 (4) हवे पांच पदना प्रस्तारनुं पचासमुं रूप शोधी काढq होय तो अंत्य परिवर्ताक एटले चोवीसथी तेने भाग देवो जोईए, ते आ प्रमाणे :-505242, 2 शेष / अहीं भागफळ बे आव्युं छे, एटले छेल्ले बे अंको गयेला छे, तात्पर्य के 5 अने 4 अंको गया छे अने 3 नो अंक नष्ट छे, एटले पचासमी संख्यानो छेल्लो अंक 3 छे। अहीं 2 शेष रह्या छे अने आगळनो परिवर्तक 6 छे, तेथी 2 ने 6 थी भाग देवो जोईए :-2260, शेष 2 / 30 __1 'अत्र' नास्ति A प्रतौ। एतचिह्नान्तर्गतः पाठः 3 प्रतौ न विद्यते। 2 द्वौ गतौ / 3 तत्रैक / 4 एकोऽन्यः प।