________________ विभाग] नमस्कार स्वाध्याय / पञ्चपरमेष्ठिसाधन-विधि-फलकोष्टक / पूर्व मुख वर्तुल आम्नाय - अरिहंत सिद्ध आचार्य उपाध्याय साधु ऋषभ, अजित, संभव, अभिनंदन, 1 परमेष्ठिपञ्चके चंद्रप्रभ, सुविधि पद्मप्रभ, वासुपूज्य सुमति, सुपार्श्व, पार्श्व, मलि मुनिसुव्रत, नेमि | 5 चतुर्विंशति शीतल, श्रेयांस जिनस्वरूपम् विमल,अनंत, धर्म, शांति, कंथु, अर, नमि, वीर | 2 वर्णनिर्देश श्वेत रक्त कनक (पीत) | मरकत (नील) कृष्ण 3 दिशानिर्देश ब्रह्मस्थान दक्षिण पश्चिम उत्तर 4 अंगन्यास मस्तक कंठ हृदय चरण 5 तत्त्वनिर्देश / पृथ्वीमंडल | आकाश तत्त्व तेजोमंडल जलमंडल वायुमंडल 6 आकार, त्रिकोण लोढकला विशुद्धकलारूपे दीर्घकलारूपे साध्य-ही आठ अंशवाळो | 15 प्राकृत ह कार 7 अंशक पुरुष स्त्री नपुंसक राजपुरुष बहु शब्द-वर्णनीय सर्वश्राद्धजन अथवा बहुप्रसिद्धलोक वंद्यमान 20 8 स्वर अ आ इईएऐ ! उऊ ओ औ अं अः (हईउऊ) (ऋलल) 9 वर्ग कच ट त प य श ख छठ थ फरष गज ड द ब ल स घझदधभवह ङञण न मलक्ष 10 ग्रह चंद्र, शुक्र सूर्य, मंगल गुरु, बुध - शनि, राहु 11 तिथि . नंदा (1,6,11) भद्रा (2,7,12) जया (3,8,13) रिक्ता (4,9,14) पूर्णा (5,10,15/ 25 12 मास कार्तिक, चैत्र वैशाख, मागशर पोष, जेठ, भादरवो माघ, आषाढ फागण, श्रावण आसो 13 राशि वृष, कन्या, कुंभ मेष, मीन, मकर सिंह, वृश्चिक धन, मिथुन / कर्क, तुला |14 वार / सोम, मंगल बुध गुरु शुक्र शनि, रवि 15 नक्षत्र कृत्तिका, रोहिणी, अश्विनी, भरणी, मघा, पूर्वाफाल्गुनी मूल, पूर्वाषाढा, पुष्य, आश्लेषा, उत्तराफाल्गुनी, उत्तराषाढा, श्रवण, ज्येष्ठा, अनुराधा मृगशीर्ष, आर्द्रा, चित्रा, स्वाति, हस्त, धनिष्ठा,शत- उत्तराभाद्रपद, पुनर्वसु विशाखा - भिषक् ,पूर्वाभाद्रपद रेवती 16 रस अम्ल मधुर / तिक्त कषाय 17 मन्त्र ॐ हाँ अर्हद्भयो ॐ ह्री सिद्धेभ्यो ॐ हूँ आचार्येभ्यो अह्रौ उपाध्यायेभ्यो ॐ हः सर्वसाधुभ्यो| 35 नमः। नमः। नमः। नमः। नमः। 18 फल मुक्तत्व, खेचरत्व त्रैलोक्य-वशीकरण, स्तंभन - इहलौकिकलाभ, / (पाप) उच्चाटन, (विमोचन,शांति) त्रिभुवनमोहकत्व, जलादि - सर्वभयहरण मारणादि वशीकरण, मोहन (तुष्टि, पुष्टि) केतु