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________________ 200 [प्राकृत सिद्धनमस्कारावलिका नमो सेत्तुंजयपव्वयट्ठियमुणिवरसिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 70 // नमो उजिंतसेलसिहरट्ठियमुणिवरसिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 71 // नमो माणुसोत्तरपव्ययट्ठियमुणिवरसिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 72 // नमो पंचसु भरहेसु संठियमुणिवरसिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 73 // . नमो पंचसु एरवएसु संठियमुणिवरसिद्धिमुवगयाणं सवसिद्धाणं // 74 // नमो पंचसु महाविदेहेसु संठियमुणिवरसिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 75 // नमो समत्थधाईसंडे सिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 76 // नमो समत्थपुक्खरवरदीवे सिद्धिमुवगयाणं सबसिद्धाणं // 77 // नमो समत्थजंबूदीवे सिद्धिमुवगयाणं सवसिद्धाणं // 78 // नमो लवणसमुद्दमझे सिद्धिमुवगयाणं सबसिद्धाणं // 79 // नमो कालोदसमुद्दमझे सिद्धिमुवगयाणं सबसिद्धाणं // 8 // नमो सीआ-सीउआनईमझे सिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 81 // नमो नारीकां(क)ता-हरिकंतानइ(ई)मज्झे सिद्धिमुवगयाणं सबसिद्धाणं // 82 // नमो नरकांता-हरिसलिलानईमज्झे सिद्धिमुवगयाणं सव्वसिद्धाणं // 83 // 15 शत्रुजय पर्वत पर रहीने मुनिवरपणे सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 7 // गिरनार पर्वत पर रहीने मुनिवरपणे सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥७१॥ मानुषोत्तर पर्वत पर रहीने मुनिवरपणे सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥७२॥ पांच भरतक्षेत्रमा रहीने मुनिवरपणे सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥७३॥ पांच ऐरवत क्षेत्रमा रहीने मुनिवरपणे सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवतीने नमस्कार थाओ॥७४॥ 20 पांच महाविदेह क्षेत्रमा रहीने मुनिवरपणे सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार ___थाओ॥७५॥ समस्त धातकीखंडमां सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 76 // समस्त पुष्करवरद्वीपमां सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥७७॥ समस्त जंबूद्वीपमां सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥७८॥ 25 लवण समुद्रमां सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 79 // कालोदधि समुद्रमां सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ // 8 // सीता अने सीतोदा नदीओमां रहेनारा सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥८१॥ नारीकांता अने हरिकांता नदीओमां रहेनारा सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने 30 नमस्कार थाओ // 82 // ___नरकांता अने हरिसलिला नदीओना वचगाळामां सिद्धिने प्राप्त करनारा सर्व सिद्ध भगवंतोने नमस्कार थाओ॥८३॥
SR No.004340
Book TitleNamaskar Swadhyay Prakrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vardhak Sabha
Publication Year1961
Total Pages592
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size12 MB
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