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________________ 19 प्रस्तावना / गुणोनी छाप श्रीमलयगिरि जेवा समर्थ महापुरुष पर केटली उंडी पडी हती एनी कल्पना आपणे सहेजे करी शकीए छीए / साथे साथे आपणे ए पण अनुमान करी शकीए केश्रीमलयगिरि श्रीहेमचन्द्रसूरि करतां वयमां भले नाना मोटा होय, परंतु प्रतपर्यायमां तो तेओ श्रीहेमचन्द्र करतां नाना ज हता। नहि तो तेओ श्रीहेमचन्द्राचार्य माटे गमे तेटलां गौरवतासूचक विशेषणो लखे पण " गुरवः " एम तो न ज लखे। मलयगिरिनी ग्रन्थरचना--आचार्य श्रीमलयगिरिए केटला ग्रन्थो रच्या हता ए विषेनो स्पष्ट उल्लेख क्यांय जोवामां नथी आवतो / तेम छतां तेमना जे प्रन्थो अत्यारे मळे छे, तेम ज जे प्रन्थोनां नामोनो उल्लेख तेमनी कृतिमां मळवा छतां अत्यारे ए मळता नथी, ए बधायनी यथाप्राप्त नोंध आ नीचे आपवामां आवे छे / मळता ग्रन्थो नाम 'प्रन्थश्लोकप्रमाण 1 भगवतीसूत्र द्वितीयशतकवृत्ति 3750 2 राजप्रीयोपाङ्गटीका मुद्रित 3 जीवाभिगमोपाङ्गटीका 16000 मुद्रित 4 प्रज्ञापनोपाङ्गटीका 16000 मुद्रित 5 चन्द्रप्रज्ञप्त्युपाङ्गटीका 9500 6 सूर्यप्रज्ञप्त्युपाङ्गटीका 9500 मुद्रित 7 नन्दीसूत्रटीका 7732 मुद्रित 8 व्यवहारसूत्रवृत्ति 34000 मुद्रित ९.बृहत्कल्पपीठिकावृत्ति-अपूर्ण 4600 मुद्रित 10 आवश्यकवृत्ति-अपूर्ण 18000 मुद्रित 11 पिण्डनियुकिटीका 6700 मुद्रित 12 ज्योतिष्करण्डकटीका 5000 मुद्रित 13 धर्मसंग्रहणीवृत्ति 10000 मुद्रित 14 कर्मप्रकृतिवृत्ति 15 पंचसंग्रहवृत्ति 18850 मुद्रित 16 षडशीतिवृत्ति 2000 मुद्रित 17 सप्ततिकावृत्ति 3780 मुद्रित 18 बृहत्संग्रहणीवृत्ति 5000 मुद्रित 19 वृहत्क्षेत्रसमासवृत्ति 9500 मुद्रित 20 मलयगिरिशब्दानुशासन 5000 (?) 1 अही आपवामां आवेली लोकसंख्या केटलाकनी मुळग्रंथसहितनी छे / मुद्रित
SR No.004335
Book TitlePancham Shataknama evam Saptatikabhidhan Shashtha Karmgranth
Original Sutra AuthorN/A
AuthorChandraguptasuri
PublisherJain Atmanand Sabha
Publication Year1997
Total Pages334
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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