________________ गाथा विषय अयोगिकेवलिगुणस्थानमा योगनो अभाव होवाथी उदीरजानो अभाव 91 उदीरणाधिकारनी समाप्ति. सत्ताधिकार। 25 सत्तानु लक्षण तथा प्रथमथी अगीयार गुणस्थानपर्यन्त 148 प्रकृतिनी सत्ता, निरूपण 25 सासादन अने मिश्रगुणस्थानमा 147 प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण 91 26 अनन्तानुबंधिचतुष्कनुं जेणे विसंयोजन कर्यु होय, देव-मनुष्यना आयुनो बन्ध को होय अने उपशमश्रेणि उपर आरूढ थयो होय तेनी अपेक्षाए अपूर्वकरण आदि चार गुणस्थानमा 142 प्रकृतिनी सत्तानुं वर्णन 92 26 अविरतसम्यग्दृष्टि आदि चार गुणस्थानमा अनन्तानुबन्धि आदिसप्तक क्षयनी अपेक्षाए 141 प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण 92. 27 अविरतसम्यग्दृष्टि आदि चार गुणस्थानमां नरक, तियेच अने सुरायुना क्षयनी अपेक्षाये 145 प्रकृतिनी सत्तार्नु निरूपण 27 अनन्तानुबन्धि 4 मिथ्यात्व 5 मिश्र 6 अने सम्यक्त्व 7 आ सात प्रकृतिना क्षयनी अपेक्षाए अविरतसम्यग्दृष्टिथी लईने अनिवृत्तिबादर गुणस्थानना प्रथम भाग सुधी 138 प्रकृतिनी सत्ता, निरूपण 28-29 क्षपकश्रेणिने आश्री अनिवृत्तिबादरगुणस्थानना बीजा भागथी नवमा भाग सुधी क्रमथी 122, 114, 113, 112, . 106, 105, 104 अने 103 प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण 93-91 30 सूक्ष्मसम्परायमां 102 अने क्षीणमोहमा 101 अने 99 प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण 30-31 सयोगिकेवलिगुणस्थानमा 85 प्रकृतिनी सत्ता निरूपण 31-33 अयोगिकेवलिगुणस्थानमा 13 प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण 94-95 - 34 अयोगिकेवलिगुणस्थानमा मतान्तरे 19 प्रकृतिनी सत्तानुं निरूपण 34 महावीरस्वामिना दीक्षाग्रहणादिनुं संक्षिप्त वर्णन महावीरस्वामिने नमस्कार करवानो ओताने उपदेश आवि वर्णन सत्ताधिकारनी समाप्ति साथे ग्रन्थनी समाप्ति . . . प्रन्थकारनी प्रशस्ति 6