________________ नाम 158 96 नयचक्रस्य प्रथमेशचतुष्टयात्मके भागे न्यायागमानुसारिण्यां स्पष्टास्पष्टनिर्दिष्टानां विशिष्टनाम्नां वर्णादिक्रमेण सूची। पृष्ठे | नाम पक्षिवैचकम् 133 [ऋग्वेदः] 118, 158, 225 [मनिस्मृतिः] 277 | कश्चित् [मतवादी] गतदर्शनम् 222, 223 कणादः भइतवादः 271,279,288 कपिल: भनेकान्ववादः [कम्मपयडी] 292 अमिधर्मकोशः कर्मवादी अभिधर्मपिटकम् 51, 53 [कल्पसूत्रम् ] मभिधर्मागमः | काणभुजम् (काणादम्) [मस्तनादोपनिषत् ] कापिलमतम् ., 276, 203 मसत्कार्यवादिनः 229 क्षणभङ्गवादः 86, 115, 207 भागमाः क्षणिकवादः [माचाराणम् ] गोयम 152 गौतमस्वामी) नाचार्यः 7,8,54, 110, 147-151, 156-157, 164,201,237, [चरकसंहिता] 254,254,257, 269, 288 चित्रकराचार्यः। 290 भाजयसिद्धसेनः चित्राचार्यः / जिनप्रवचनम् [मायुर्वेदः] जिनवचनम् 149,162, 186 मार्षम् .2.1, 205, 279, 101,303,39 [जीवाभिगमसूत्रम् प्रा.] माईतनयः जै(जि)नमतम् 158,16, 277 जैनयोगः 292 [भावश्यक-नियुक्ति प्रा.] 151,178, जैनी प्रक्रिया 203, 205, 312 टीकाकारः बाह[शात्र-९४,१०५, 159, 160,100, तत्वार्थसूत्रम् 70, 15, 155, बाहुःकाराः] 196, 203, 204, 229 208, 252, 265 इतरः (मतवादी) 7,8,83, 109, 147, | तथागतः 119, 150, 197,201,229,237,248, [तन्दुलवेयालियं] - 254,257,259,260,264,302 तर्कशास्त्रम् शावास्योपनिषत् ] 161 | तार्किकः उत्तम् [विविधशानेषु] 14, 34, 38, [तैत्तिरीयसंहिता] 100, 159 18, 52, 54, 55, 53, 60,64, 18,70, 73,87, 99, 108, 118, | दिनभिक्षुः (वसुबन्धुशिष्यः). 52,79 153, 147, 152, 153, 159, [द्वात्रिंशिका सिद्धसेनीया] 1, 204 189, 192, 198, 199, 201, द्वैताद्वैते 288 .203, 204, 210, 219, 215, [नन्दीसूत्रम् प्रा.] 2, 3, 159, 295 259, 214, 200, 281,283, 287, नयचक्रकारः 292,293,297,302,304,305 नयप्राभृतः 98 94 219