________________ न्यायकुमुदचन्द्रे महेश्वर 188 / 2 | वात्यादि 425 / 11. मातृविवाहोपदेशवत् 209 वादविक्रियाचारणादिलब्धि 872 / 8 मायागोलकवत् 63612 वादाद्यतिशय 868 / 2 मायाबाहुल्य 869 / 6 / / वासीचन्दनकल्प 344 / 13; 83331 मायोपम 683 / 25 वाहकेलि 315 / 11 मिथ्यादर्शनादित्रयात्मक 8309 विचित्र रेखानिकरकरम्बितामिव . 14102 मीमांसक 102 / 28,279 / 11,32019,502 / विज्ञानाद्वैत 62 / 14,11906 2,505 / 671118727 / 9,72818,775 / 11 | विद्याधरादिवत् 865 / 5 मीमांसककृतान्त 27948 विपुष् 710 / 11 मीमांसकनैयायिक 502 / 17 | विभाषा 39011 मीमांसकमत 18419,53219 विशदस्थिरखरपिच्छलत्वादि 275 / 19 मूलकीलकादि 311113 विशिष्टाञ्जनादि 54018 मूलकीलोदकादि 808 / 26 विश्वजिदादियज्ञ 576 / 3 मेचकादि 369 / 14 विषमच्छद 50011 मेयरूपता 166 / 15 वीचीतरङ्गबुद्बद्नादि 141 / 10 / 14817 यज्ञार्थम् 634 / 16 वीचीतरङ्गादि .24711 यथाख्यातचारित्र 801111 वृत्तिविकल्पादिदूषण 22712 यथार्थनामा अबला 878 / 16 / वेश्यापाटकादिप्रविष्ट 779 / 1 यमलकवत् 719 / 12 वैभाषिक 389 / 24; 390 / 1395 / 12.. याचनसीवनप्रक्षालनशोषणनिक्षेपादानचौरहरणादि- वैयाकरण 275 / 17,279 / 12,648318 मनःसंक्षोभकारिणि वस्त्रे 873 / 13 वैयाकरणव्यवहार 79713 यूकालिक्षाद्यनेकजन्तुसम्मूर्च्छनाधिकरणवस्त्रस- वैशेषिक 236 / 24, 309 / 11,62717,808 / 10 मन्वितत्व 874 / 10 वैशेषिकशास्त्र 287 / 20 योगाचार 119 / 10,165 / 14,397 / 19 वैशेषिकादि 7861 योगाचारमाध्यमिकमत 389 / 23 वैशेषिकी मुक्ति 828 / 9 यौग 109 / 7,11218,220111, 221114, 229 / व्याकरण 76011796126 86235 / 25, 358 / 22,399 / 1;4283;432 / व्याकरणप्रामाण्य 760117 14;72619,82616 व्याघ्रादिनेत्रचूर्णाजन 198417 योगसौगत 485 / 3 शब्दपरमब्रह्मविकल्प 139 / 17 योगादि 727 / 3 शब्दब्रह्म 142 / 6 यौगाभिमत 112 / 2 | शब्दविधिवादिन 574 / 6 यौगोपकल्पितेश्वर 109 / 4 शब्दव्यापारविधिवादिन् . 5767 रत्नत्रय 84604865 / 14 शब्दस्य उत्पत्तिप्रक्रिया 242 / 4 रविकिरणसंस्पृष्टनीहारनिकरवत् 13317 शाक्य 5597,8441 रिरंसा 86019 शाक्यपक्ष 843118 रोगादिपरीषह 862 / 6 शिशुमारवसाञ्जन 198 / 18 रोहिण्युदय 42015 शिष्याचार्यवत् 876 / 12 लकुटचपेटादि 338 / 24 शुक्लध्यानानल 859 / 6,864 / 16 लताबदर्यादि 603 / 17 शुक्लध्यानावाप्ति 859 / 11 लाभान्तरायप्रक्षय 858 / 12 शून्यवादिन् 2331 लालावत् 15618 श्रेणी 864 / 24 लूनपुनर्जातनखकेशादिवत् 245 / 20,41812; श्वमांस 54845 703 / 10,715 / 14 | श्वो मे भ्राता आगन्ता 5969 लोकपालपरिगृहीतदिकप्रदेश 258 / 4 षट्पदार्थ 21411 लोभकषायपरिणति 874 / 14 षट्पदार्थलक्षण 213119 लोकायतिक 108 षट्प्रकार (सन्निकर्ष) 28 / 20 वज़ 857/22 षट्प्रकार (अर्थापत्ति) 506 / 3 वटे वटे वैश्रवणः 7287,733 / 14 षडायतन 39017 वर्णाश्रमव्यवस्था 778 / 9 षड्विध (आहार) षडावध जा 8561 वलिपलितादिक 251 / 10 | षड्विध. (शब्द) 245 / 23