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________________ लाक्षणिकशब्दसूचिः 601 310 312 (8 WWKK 11715, 21413 391 804 असत्त्व असमवायिकारण अहेतुसम आकाश (बौद्ध) आकुञ्चन. आगमद्रव्य आगमभाव . आत्मा इन्द्रिय ईशित्व उत्कर्षसमा उत्क्षेपण उदाहरण 315 329 329 218 111 22nrmms 332 812 उद्देश 21 316 802 315 Mr.v9moremur rr2" uroor 784 623 13 489 उपचारछल उपनय उपपत्तिसम उपमान : उपलब्धिसम उपादान एकदेश औपक्रमिकी करणत्व कर्तृता कर्म कर्मत्व . कार्यसम 807 67 / 17,438 / 2, 4 12 754 301 21 - 10 . 137 217 दृष्टान्त 327 दोष 391 द्रव्य 280 नामरूम 12 निक्षेप 807 निगमन 309 निग्रहस्थान नित्यसम निमित्तकारण 324 निरनुयोज्यानुयोग 279 निरर्थक 314 निर्जरा निर्णय 322 निर्देश निश्चय 328 नैगमनय नैगमाभास 328 नोआगमभाव 392 न्यून 224 पक्ष पक्षप्रतिपक्ष पदस्फोट परिशेष परीक्षा पर्यनुयोज्योपेक्षण 329 पर्याप्ति 803 पर्याय पारतन्त्र्य पुनरुक्त 803 प्रकरण प्रकरणसम 280 प्रतिक्रमण 872 प्रतिज्ञा प्रतिज्ञान्तर 321 प्रतिज्ञाविरोध 119 प्रतिज्ञासल्यास 348 प्रतिज्ञाहानि 392 प्रतितन्त्र सिद्धान्त 318 प्रतिदृष्टान्तसम 849 प्रतिबन्ध 322 / 12; 39217 प्रतिबन्धक 865 प्रतिभा 78915 प्रतिसंख्यानिरोध 31519, 418 / 14 प्रत्यक्ष 364 प्रत्यभिज्ञा 392 प्रत्यवमर्श प्रमाण 110 प्रमेय 7 प्रयोजन काल 320 कालात्ययापदिष्ट कृत्स्न क्षेत्र 224 852 - 117 306 / 21, 23 333 320 319 / 16, 32711 864 314 गन्ध 273 गमन चारणलब्धि चेतन 20 331 छल जडत्व जन्म जरामरण GK00 MMAuror morm जल्प 313 326 835 835 जाग्रदवस्था जाति जीवन्मुक्ति ज्ञान 392 24 411 411 7 तादात्म्य तृष्णा तेजस दक्षिणबन्ध दीर्घमायुः 852 . 309 309 852 312
SR No.004327
Book TitleNyayakumudchandra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year1941
Total Pages634
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size15 MB
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