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________________ सविवृतिलघीयस्त्रयस्य नामसूचिः 881 माया / श्रुति भावेन्द्रिय 115. 18. | मण्यादिसामग्रीप्रभव 602. 14. मतिज्ञान 172. 21; 783. 1. मनोमति 783. 2. म हा.वी र 655. 8. 628. 13. मिथ्यकान्त 628. 5. मुख्य (प्रत्यक्ष) मुख्यसंव्यवहारतः 20.13. मृतप्रतिबिम्बभृत् 676. 4. मलनय -783.3. यस्मिन् सत्येव यद्भावः 614.14. यावज्ज्ञेयव्यापिज्ञानरहितसकलपुरुषपरिषत् परिज्ञान 74.7. योग्यतापेक्षानादिसङ्केत 687. 1. रथ्यापुरुष 74. 10. रिक्ता वाचोयुक्तिः लताचूलादि 602.13 लब्धि 115.18 लिंग 794.11. लोकव्यवहार 629. 2. वक्त्रभिप्राय 530. 1; 696. 16, 18. वर्णपदवाक्यव्युत्पादकशास्त्र 794. 14. वर्त्तनालक्षण 646. 3,794.10. वागर्थव्यभिचारैकान्त 600. 14. वाच्यवानकलक्षणसम्बन्ध 644. 8. विकलसंकथा. 686. 3. विक्रिया .. 396. 23. विज्ञप्तिमात्र 631. 23. विधिनिषेधानुवादातिदेशादिवाक्य 692.3. विप्रकृष्टार्थान्तरवत् 614. 14. विषमोऽयमुपन्यासः . 656.11. विषय 115.16. विषयिन् 115.17. वीर जिन 653.16. वैकल्य 686.9. वैशद्य 74. 5. व्यतिरेक - 783.10. व्यवहार 628.5. व्यवहारनय 783, 9. व्यवहारपर्याय 783. 11. व्याप्ति 427. 4, 652.1. शकट 459. 12; 598. 18. शकटोदय 794. 5. शब्द (नय) 837. 19; 793. 20 शब्दनय 793. 19. शब्दयोजन 404. 3. शब्दसमभिरूढौ 638.3. शब्दानुयोजन 403. 7. 62 शृङ्गे गौः श्रुत 403. 7; 529. 24, 686. 2; 798. 6,9, 799. 5. श्रुतज्ञान 404. 3, 530. 1; 602. 17. 791. 3. श्रुतज्ञानतदाभासव्यवस्था 529. 9. श्रुतभेद 782. 13. 598.15,602.10, 632.3. श्रुतिकल्पनादुष्टादि षट्कारकी 646.6, 650.2. षट्कारकीसंभव 650.3. संग्रह 609.19; 610.1; 621.5; 790.1,3 संज्ञाकर्म 799. 9. संज्ञासंज्ञिसंप्रतिपत्तिसाधन 502.12. संज्ञासंज्ञिसम्बन्धप्रतिपत्ति 489.2. संवृति 173. 19; 174. 1. संव्यवहारानुपयोगिन् 21. 2. संशयकान्त 462.16. संहृताशेषचिन्ता 525. 3. सकलवित् 653. 15. सकलादेश 686.3. सत्तासमवाय 624. 19. सत्त्वपुरुषत्ववक्तृत्वादेः सत्वप्रमेयत्वागुरुलघुत्वमित्वगुणित्वादि 686.6. सत्यपदविद्या 783. 19. सत्यानृतव्यवस्था 697.4. सत्यानृतव्यवस्थान्यथानुपपत्ति 696. 18. सत्येतरव्यवस्था 600. 13. सदादि (अनुयोग) 800. 3. सदशपरिणामलक्षणसामान्यात्मकत्व 783. 3. सदृशापरापरोत्पत्तिविप्रलम्भ 528. 1. सन्तान 4. 18. सन्निकर्ष 664. 1. सन्निकर्षादि 21.1, 663. 21. सन्निहितविषयबलोत्पत्ति 427.2. सन्मात्रदर्शन सप्त (नय) 782.13 सप्तधाख्यनयोघ 652.4. समवाय 629. 1,3, 4. समारोपव्यवच्छेदाकांक्षण 522. 3. सम्बन्धप्रतिपत् 502.7. सम्यगेकान्त 688.1. सहक्रमभाविन् 613. 2. सहक्रमवित्तिन् 612. 20. सांव्यवहारिक 74. 6. साकल्य 686. 9. साधकतम 21. 4. साधनदूषणतदाभासवाक्य 692.4. साधनासाधनाङ्गव्यवस्था 600. 16.
SR No.004327
Book TitleNyayakumudchandra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year1941
Total Pages634
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size15 MB
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