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________________ 888 न्यायकुमुदचन्द्रे तज्जन्म 675.14. तथाभावसंकरव्यतिकरव्यतिरेक तदत्यन्तभेदाभिसन्धि 789. 3. तदाकृति (नंगमाभास) 788. 24. तदाभास (संग्रहाभास) 621.6; 790. 3. तदाभास (ऋजुसूत्राभास) 792.8. तदुत्पत्ति 678. 18; 679. 19. तदुत्पत्तिसारूप्य 640. 14. तदुत्पत्तिसारूप्यादिलक्षणव्यभिचार 644. 5. तद्व्यवसिति 675. 14. तमस् 665. 22; 666. 1, 2. तादात्म्यतदुत्पत्ती 435.1, 602. 11. तामसखगकुल 674. 3. ताद्रूप्य 675. 14. तिमिराद्युपप्लवज्ञान 522. 1. तिमिराशुभ्रमणनौयानसंक्षोभादिहेतुत्व 661.6. तीर्थकरवचनसंग्रहप्रस्तावमूलव्याकारिन् 783. 17. त्रयः (शब्दनय) - 783. 19. दुर्नय 636. 4, 650. 5, 792. 12. दुर्नय 631.22, 632.4; 790.2, 791. 5. दूरासन्नकार्थप्रत्यक्ष 640. 18. दृश्यादृश्यभेदेतरात्मक 367.21. द्रवति द्रोष्यति अदुद्रवत् 607. 1. द्रव्य 607. 1; 782. 14; 783.3. द्रव्य (निक्षेप) 800.1. द्रव्यपर्यायसामान्य विशेषात्मार्थनिष्ठित 646.2. द्रव्यपर्यायात्मा 213.7. द्रव्यपर्यायार्थिक 783. 3, 18. द्रव्यभावेन्द्रिय 115.17. द्रव्याथिक 606. 1; 607. 2. द्रव्येन्द्रिय 115.17. द्विधैव (प्रमाण) * 682.2. द्वे एव प्रमाणे 504,4. धर्मतीर्थकर 2. 12. धारणा 172. 21, 22, 404, 1. नपुंसक 646. 8. नय 606.1, 636.4; 650.5, 656.9; 686.3; 688. 1, 792. 12; 799. 6. नय 631. 22, 632. 4; 782. 13; 783. 1, 794. 17. नयदुर्नय 605. 7. नहि दृष्टऽनुपपन्नं नाकारणं 674.2. नाम.(निक्षेप) 799. 9. नामस्थापनाद्रव्यभावतः 799. 8. निक्षेप 800.2. निर्देशादि 799. 1,800. 3. 636.4, 792. 12. निरपेक्षत्व 794. 18. निश्चयनय 783. 8. निश्चयपर्याय 783. 11. निश्चयव्यवहारौ 782.16. नैगम / 622. 10, 788. 24. नैगम 622. 12; 628. 10; 783. 19; 789. 6. नगमाभास 622. 10; 789. 4. न्यास 656.8; 799. 8. पंचगुरु 878. 23. परमागम 686.8. परिच्छेद्यपरिच्छेदकभाव . 678.17. परिमण्डलादि 483.9. परोक्ष 20., 14; 602. 2, 8. परोक्षेऽन्तर्भाव - 504. 4. पर्याय 635. 21, 637. 20% 783. 9; 794. 12. पर्यायाथिक . 606. 1. पाचकपाठकादिवत् 794. 14.. पुमान् 646.8. पुरन्दर 638. 3; 646. 110; 794. 2. पूर्वपूर्वप्रमाणत्वे 173.17. पूर्वापराविरोधलक्षणसंवाद -791.3. पृथक्त्व 783.9. प्रतिसंविदितोत्पत्तिव्यय प्रतिसंहारव्युत्थितचित्त प्रतिसंहारैकान्त 5206. 2. : प्रत्यक्ष 20.193. प्रत्यक्ष 427.1, 611.10; 644.12,158 .682. 2, 4. प्रत्यक्षानुपलम्भसाधन 485. 16; 614. 13. प्रत्यक्षाभ 521. 19; 525. 7. प्रभव 485. 16. प्रमाण 650. 6; 656. 8, 10, 799. 6. प्रमाणनयनिक्षेपानुयोग 801. 2. प्रमाणफल 174.11. प्रमाणफलव्यवस्था . 173. 18. प्रवचनपद 879. 3. प्रसिद्धार्थसाधर्म्य 488. 22; 489. 1, 4. प्रस्तुतार्थव्याकरण 800.2. प्राङ्नामयोजन 403. 7. प्रादेशिकप्रत्यक्ष 682. 4. बहिरर्थविज्ञप्तिमात्रशून्यवचसां 791.5. बहुबहुविधक्षिप्रानिसृतानुक्त ध्रुवेतरविकल्प 174.7 बह्वाद्यवग्रहाद्यष्टचत्वारिंशत् 173. 16.. बालिशगीत 674. 3. बुद्ध ब्रह्मवाद 621. 6,10, 790.2, 3, भट्टाकलंकशशांकानुस्मृतप्रवचनप्रवेश 879:11. भावनिक्षेप निरपेक्ष ... 800.1.
SR No.004327
Book TitleNyayakumudchandra Part 2
Original Sutra AuthorN/A
AuthorMahendramuni
PublisherManikchand Digambar Jain Granthamala Samiti
Publication Year1941
Total Pages634
LanguageSanskrit
ClassificationBook_Devnagari & Philosophy
File Size15 MB
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