________________ मा णि क चन्द्र दि० जैन ग्रन्थ मा ला याः 38. अष्टत्रिंशत्तमो ग्रन्थः / स्वविवृतियुतलघीयस्त्रयस्य अलङ्कारभूतः न्या य कुमुद चन्द्रः [प्रथमो भागः] C0210210310110210310410110210310410 CACACACACACACACACACACACACACAQ NON everes ONCACACACACACNO ॐ स्व० सेठ माणिकचन्द्र जी जे० पी० बंबई. CRORONOMOTORONOTEOROPOISONFos संपादकः पं० महेन्द्रकुमारन्यायशास्त्री. स्या० वि० काशी। [मूल्यं रूप्यकाष्टकम् 8).] B. H. U. Press, Benares.