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________________ नमस्कार स्वाध्याय [संस्कृत सर्वात्मानं (सर्वात्मक) सर्वगतं सर्वव्यापि सनातनम् / सर्वसत्वाश्रितं दिव्यं चिन्तितं पापनाशनम् // 6 // सर्वेषामपि वर्णानां स्वराणां च धुरि स्थितम् / व्यजनेषु च सर्वेषु ककारादिषु संस्थितम् // 7 // पृथिव्यादिषु भूतेषु देवेषु समयेषु च / लोकेषु च (चैव) सर्वेषु सागरेषु सु (स्व)रेषु (सरित्सु) च // 8 // मन्त्र-तन्त्रादियोगेषु सर्वविद्याधरेषु च / विद्यासु च (चैव) सर्वासु पर्वतेषु वनेषु च // 9 // शब्दादिसर्वशास्त्रेषु व्यन्तरेषु नरेषु च / पन्नगेषु च सर्वेषु देवदेवेषु नित्यशः॥१०॥ व्योमवद् व्यापिरूपेण सर्वेष्वेतेषु संस्थितम् / नातः परतरं ब्रह्म विद्यते भुवि किञ्चन // 11 // इदमाद्यं भवेद् यस्य कलाऽतीतं कलाश्रितम् / नाम्ना परमदेवस्य ध्येयोऽसौ मोक्षकाटिभिः // 12 // 'र' तत्त्वम् - .... दीप्तपावकसङ्काशं सर्वेषां शिरसि स्थितम् / * विधिना मन्त्रिणा ध्यातं त्रिवर्गफलदं स्मृतम् // 13 // 15 - ते तत्त्व सर्वस्वरूप, सर्वगत, सर्वव्यापी, सनातन अने सर्व प्राणीओने आश्रीने रहेलुं छे। तेनुं 'दिव्य चिंतन' (सर्व) पापनो नाश करे छे // 6 // 20 ते तत्त्व (अकार) बधाय वर्णो अने स्वरोमां अग्रस्थाने रहेलु छ अने ककारादि सर्व व्यञ्जनो(ना उच्चारण) मां रहेढं छे। ते तत्त्व पृथिवी आदि पांच महाभूतो (पृथिवी, जल, तेजस्, वायु अने आकाश), देवो, समयो, सर्वलोको, समुद्रो, नदीओ, मंत्रो अने तन्त्रादि योगो, सर्व विद्याधरो, सर्व विद्याओ, पर्वतो, वनो, व्याकरण आदि सर्व शास्त्रो, व्यन्तरो, मनुष्यो, सो अने सर्व देवाधिदेवो-ए बधामां आकाशनी जेम सर्वव्यापीरूपे रहेलु छ / विश्वमा एनाथी श्रेष्ठं बीजं कोई ब्रह्म विद्यमान नथी // 7-11 // 25 . कलारहित अथवा कलासहित एवं आ (परम) तत्त्व नामवडे जे परमदेवनी आदिमां छे. ते (परमदेव) नुं मोक्षनी आकांक्षावाळा पुरुषोए ध्यान करवू जोईए // 12 // ' 'र' तत्त्व- वर्णन : सर्व प्राणीओना मस्तकमा रहेल प्रदीप्त अग्निसमान आ तत्त्व मंत्रधारकवडे जो विधिपूर्वक ध्यान कराय तो ते धर्म, अर्थ अने काम ए त्रिवर्गनी प्राप्ति रूप फळने आपनाएं छे, एम का छे // 13 //
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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