________________ 334 नमस्कार स्वाध्याय पृष्ठ 164 166 166 170 170 पंक्ति . अशुद्ध . 17 जीवो अनंत अवा 6 सीमान्धराद्या 13 मागदायिनः 5 ऽमृताशुना 22 जूगार 17 अरिहंतादिनु 9 प्राभृतीकृताः 21 कानमां...गया / 178 180 अनंत जीवो सीमन्धराद्या मार्गदायिनः ऽमृतांशुना जुगार अरिहंतादिनो प्राभृतीकृताः (ताम्) कानने विशे भेट कराएली आ पवित्र पंचनमस्कृतिनो स्वीकार करीने तिर्यंचो पण स्वर्गे गया सुवर्णात्मतां वाग्वादकत्वं युगलेऽ (लम) तालु बृहस्पति जेवी 182 . 186 186 2 सुवर्णात्मता 16 वागवादकत्वं 12 युगलेऽ तालुं 24 जीवसदृश असमूट बने छ (1) 193 199 t:9degC ope 494wohori मंगलं साहू 203 . मिया . निरन्तरा / 'सोल' 'परश्च लोपम्' पञ्चानामा प्रतिदिनं 204 208 212 212 213 213 213 214 22 साहु 23 भिवा 26 निरान्तरा 8 'सोलड' 16 'परश्चलोपम् 15 पञ्चनामा 21 प्रतिदिन 17 छ छ 30 जणावेलाछे 3 वर्णोवाळो 22 दीवेट 30 ॐ 26 खनो 30 क्या 2 हीकार 11 स्तोत्रम१५ मूल पाठां 4 शोणा 17 स्म 31 हूँ जणावेला छे . वर्णोवाळा रेखा उनो कया 215 217 हीकार स्तोत्रमा मूलपाठ शोण 218 221 230 Phori