________________ यन्त्र-चित्र परिचय (8) सरस्वतीदेवी (पृ. 12 A) Epics Mythes and Legends of India' by P. Thomas नामक पुस्तकना पृ. 102 पर भाषेल सरस्वती देवी (Plate No. LXII) ना आधारे संस्थामा योग्य फेरफार साये चितरावी भही रजू करवामा आवेल छ। चित्रनी नीचे British Museum एम लखेल छ / .. (9) ॐ ही वाच्यार्थस्वरूपदर्शकचित्रम् [ॐ ह्री अर्हनी पाटली] (पृ. 16 A) आ पण उपर्युक्त जामनगरनी पाटलीना चित्र उपरथी योग्य फेरफार साथे चितरावी अहीं रजू करवामां भावेल छे। (10) कलामय 'अहं' मङ्गलपाठः (पृ. 24 A) मा चित्रकारनी पोतानी कल्पनानुसार चितरावी ने भहीं रजू करेल / (11) संमेदप्रणिधानदर्शको अहंकारः (पृ. 34 A) कलिकालसर्वज्ञ श्रीहेमचन्द्राचार्यकृत सिद्धहेमशब्दानुशासनना मंगलाचरणमा अहं उपरना खोपयशब्दार्णवन्यासमा निर्दिष्ट संभेद प्रणिधाननी व्याख्यानुसार आ चित्र संस्थामा चितरावी भहीं रब करवाने आवेल छ / जुओ प्रस्तुत ग्रंथ पृ. 35 नो छेलो परेग्राफ। . (12) ऋषिमण्डलयन्त्रम् (पृ. 40 A) . श्रीसिंहतिलकसूरिए निर्दिष्ट करेल आम्नायानुसार तेमज बीजा अनेक यन्त्रो सामे राखी जे फेरफार पू.पं. श्री धुरंधरविजयजी गणिवरने आवश्यक जणायो ते अनुसार संस्थामां चितरावी मा चार रंगवालु चित्र प्रेस प्रोसेस स्टुडीओमां तैयार करावी अहीं रजू करवामां आवेल छ / आ मन्य चित्र अतीव मनोहर बनी शक्युं छे। (13) समवसरणरचनास्थित ॐ ह्री अहूं स्वरूपम् (पृ. 74 A) शेव श्री अमृतलाल कालिदास दोशीना अंगत संग्रहमांना एक यन्त्र-चित्र उपरथी योग्य फेरफार . साथे चितरावी अहीं रजू करवामां आवेल छे। (14) उपासनादर्शकपञ्चपरमेष्ठिचित्रम् (पृ. 940) भी पञ्चपरमेष्ठि भगवंतोनी विविध उपासना तथा आराधनाना चित्रो तथा भष्टमंगलना चित्रो बहित भी लपाठ संस्थामा चित्रकार पासे बे रंगमां चितरावी अहीं रज करवामां आवेल / (15) परमेष्ठि विधायन्त्रम् (पृ. 110 A) श्रीसिंहतिलकसूरिविरचित 'परमेष्ठिविद्यायवकल्प' मा निर्दिष्ट आम्नायानुसार संस्थामा चितरावीने .अहीं रजू करवामां आवेल छे / जुओ प्रस्तुत ग्रन्थ पृ. 111 थी 126 सुधी।