________________ 134 नमस्कार स्वाध्याय [संस्कृत तद्ध्यानावेशतो वैरिसेना पराङ्मुखी तथा / सैन्यद्वयं प्रतीपं चेद् ध्यायते सैन्यसन्धिदा // 8 // वलयाष्टबहिर्दिक्षु पनं षोडशपत्रकम् / प्रतिपत्रं विलिख्यन्ते अं()आद्या षोडशस्वराः / / 81 // .. आदिद्वयष्टस्वराने तत् प्रत्येकं हूँ' इहाक्षरम् / षोडशस्वरसंबद्धं 'हूँ हाँ हि हो' मुखं लिखेत् / / 82 // एतद्ध्वं द्वथष्टदलं पनं तु प्रतिपत्रकम् / षोडशविद्या लेख्या(१ खनीया) मन्त्रबीजयुतास्तथा // 83 // . 1. ॐ याँ रोहिण्यै अँ नमः / 2. ॐ राँ प्रज्ञप्त्यै आँ नमः / . . 3. ॐ लाँ वज्रशृङ्खलायै इँ नमः / 4. ॐ वाँ वज्रीङ्कुश्यै ई नमः। 5. ॐ शाँ अप्रतिचक्रायै उँ नमः / 6. ॐ पाँ पुरुषदत्तायै ॐ नमः / 7. ॐ साँ काल्यै ॐ नमः / 8. ॐ हाँ महाकाल्यै नमः। .: 10 एवा प्रकारना तेना ध्यानना प्रभावथी शत्रुनुं सैन्य पार्छ जाय छ। विरुद्ध एवां बे सैन्योने उद्देशीने संघिनी दृष्टिए करातुं आ विद्यानुं ध्यान ते बेमां संधि करावनाएं बने छे // 80 // 15 आठे वलयोनी बहार आठे दिशाओमां सोळ पत्रवाळा पद्मना प्रत्येक पोदडामां मैं आँ' वगेरे सोळ स्वरो लखवा // 81 // ए सोळे स्वरनी आगळ पहेला ते प्रत्येकने 'हूँ' ए प्रकारे सोळ स्वरोथी जोडायेला, जेवा के'हूँ हाँ हि ह्री' वगेरे लखवा // 82 // एनी ऊपर सोळ पत्रवाळा कमळना प्रत्येक पांदडामा सोळ विद्याओ मंत्रबीज सहित (मूळमां 20 आपी छे ते मुजब) लखवी // 83 // 1. (1) अ प्रतौ-ॐ नमो रोहिणी हाँ फट् स्वाहा / (1) झ प्रतौ-ॐ नमो रोहिणि हाँ फुट् स्वाहा / (2) अ प्रतौ-ॐ नमो पन्नत्तिं ही फट् स्वाहा / (2) झ प्रतौ-ॐ नमो पन्नत्ती ही फुट् स्वाहा / (3) अ प्रतौ-ॐ नमो वज्रशृङ्खला है फट् स्वाहा / (3) झ प्रतौ-ॐ नमो वज्रशृङ्खला है फुट् स्वाहा। / (4) अ प्रतौ--ॐ नमो वज्राङ्कशीं को ही फट् स्वाहा / (4) झ प्रतौ ॐ नमो वज्राङ्कुशी को ही फुट् स्वाहा। . (5) अ प्रतौ ॐ नमो अप्रतिचक्रे हूँ हूँ फट् स्वाहा। (5) झ प्रतौ ॐ नमो अप्रतिचक्रे हूँ हूँ फुट् स्वाहा। (6) अ प्रतौ ॐ नमो पुरुषदत्ते हुँ हुँ हुँ फट् स्वाहा / (6) झ प्रतौ ॐ नमो पुरुषदत्ते ( हूँ फुट् स्वाहा / : (7) अप्रतौ ॐ नमो काली अम्म हुँ फट् स्वाहा / (7) झ प्रतौ ॐ नमो काली अम्म हुँ फुट् स्वाहा। (8) अ प्रतौ ॐ नमो महाकाली तुं धूं फट् स्वाहा / (8) स प्रतौ ॐ नमो महाकाली गू फुट् स्वाहा / C.