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________________ विभाग] 131 . * लघुनमस्कारचक्रस्तोत्रम् एवं 'बृहन्नमस्कार' प्रोक्तं श्रीशान्तिमन्त्रकं यद्वा / 'थंभेइ जलं' इत्यादिगाथां जपन् शताधिकाम् // 59 // शुक्लवस्त्रेण संछाद्यं त्रिसन्ध्यमष्टपूजया / त्रिदिनं त्रिदिनस्यान्ते महापूजापुरस्सरम् // 60 // अभिषेकजलं तत्तु क्षेप्यं श्रीकलशान्तरे / श्रीशान्तिप्रतिमां हस्ति-शिबिका-रथमूर्धनि // 61 // शुक्लवस्त्रवृताङ्गस्य नरस्य ब्रह्मचारिणः। कुलशुद्धस्य मान्यस्य मूर्ध्नि कृत्वा संचामराम् // 62 // छत्रेण सहितां चन्द्रोदये ध्वजस्रजाञ्चिताम् / तूर्यत्रिकोल्लसद्वातां प्रदीपद्युतिभासुराम् / / 63 // चतुर्विधेन संघेन संयुतः सूरियमी। मारि-ग्रहीतग्रामाधष्टदिक्षु प्रददेद् बलिम् // 64 // दिने तस्मिन्नमारिः स्यात् पटहोद्घोषपूर्वकम् / चतुर्विधाय संघाय भक्त्या दानं दिशेन्मुनिः / / 65 // ___आ प्रकारे 'बृहन्नमस्कारचक्र' मां कहेला शांतिमंत्रनो अथवा 'थंमेइ जलं.' गाथानो सोथी 15 वधुवार (108) जाप करवो // 59 // श्वेत वस्त्रो धारण करीने (?) रोज त्रणे संध्याए अष्टप्रकारी पूजा त्रण दिवस सुधी करवी। त्रण दिवस पछी 'महापूजा' भणाववी // 60 // ते अभिषेकनुं पाणी कळशमां नाखवू / पछी जेणे श्वेत वस्त्र धारण काँ होय अने जे ब्रह्मचारी, कुलीन अने मान्य होय एवा मनुष्यने हाथीपर, पालखीमां के रथमां बेसाडवो। तेना मस्तके श्री शांतिनाथ 20 प्रभुनी प्रतिमा मूकवी / त्यां चामर छत्र, चंदरवो, धजा, माळा, प्रदीप वगेरे पण होवा जोईए। वातावरण वाजिंत्रोना नादथी उल्लसित थयेलं होवू जोईए। _____आ बधो महोत्सव संयममा उद्यमशील एवा सरि भगवान चतुर्विध संधनी साथे करे। पछी ते सूरि मरकीथी पीडातां गाम वगेरेमां आठे दिशाए बलि प्रक्षेप करे। ते दिवसे पडहनी उद्घोषणापूर्वक गाममां अमारि प्रवर्ताववी। ते पछी ते सूरि चतुर्विध संघने भक्तिदाननो उपदेश करे। ते दिवसे दीन वगेरेने घणुं दान आपq / पछी कळशना जलनु सिंचन करवू / ए रीते मरकीनो उपद्रव शांत थाय छ। गायोमां मरकी फेलायेली होय तो मायोना वाडाओना प्रवेशमार्गमां अने 25 . 1. °धिकम् अ। 2. सच्छाद्यं अ। 3. श्लक्ष्णव झ। 4. सचामरम्भ / 5. चितम् भा।
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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