________________ 112 [संस्कृत नमस्कार स्वाध्याय युगादीशोऽजितस्वामी संभवोऽप्यभिनन्दनः। सुमतिः पद्मलक्ष्मा श्रीसुपार्श्वश्चन्द्रलाञ्छनः // 6 // सुविधिः शीतलः श्रेयान् वासुपूज्यप्रभुस्ततः। विमलानन्त-धर्म-श्रीशान्ति-कुन्थुररो जिनः॥७॥ मल्ली श्रीसुव्रत-नमी नेमिः' श्रीपार्श्वतीर्थकृत् / वीरश्च जिननामान्ते नाथाय नम इत्यदः॥८॥ श्रीगोमुखो महायक्षस्त्रिमुखो यक्षनायकः / तुम्बरुः सुमुखस्तस्माद् मातङ्गो विजयोऽजितः // 9 // ब्रह्मा यक्षेट कुमारः षण्मुख-पाताल-किनराः / गरुडो गान्धर्वो यक्षेन्द्रः(द) कुबेरो वरुणस्तथा // 10 // भृकुटिर्गोमेधः पार्थो मातङ्गोऽमी जिनाश्रिताः। . चक्रेश्वर्यजितबला दुरितारिश्च कालिका // 11 // महाकाल्यच्युता श्यामा भृकुटी च सुतारि(र)का / अशोका मानवी चैण्डा. विदिताऽथ प्रियाङ्कुशा // 12 // कन्दर्पा निर्वाणी बला धारिणी धरणप्रिया। नरदत्ताऽथ गान्धार्यम्बिका पद्मावती तथा // 13 // सिद्धायिका इमा जैन्यः क्रमाच्छासनदेवता / जिन-देव-सुरी (1) नामत्रयं प्रति दलं दलम् // 14 // 1. युगादीश, 2. अजितस्वामी, 3. संभव, 4. अमिनन्दन, 5. सुमति, 6. पनप्रभ, 20 7. सुपार्श्व, 8. चन्द्रप्रभ, 9. सुविधि, 10. शीतल, 11. श्रेयांस, 12. वासुपूज्य, 13. विमल, 14. अनंत, 15. धर्म, 16. शांति, 17. कुंथु, 18. अर, 19. मल्ली, 20. सुव्रत, 21. नमि, 22. नेमि, 23. पार्श्व अने 24. वीर-आ जिनेश्वरोनां नामोनी अंते 'नाथाय नमः' ए पद जोडीने लखवू // 6-8 // (ते प्रत्येक जिनेश्वरनी नीचे क्रमशः:-).१. गोमुख, 2. महायक्ष, 3. त्रिमुख, 4. यक्षनायक, 5. तुम्बरु, 6. सुमुख (कुसुम), 7. मातंग, 8. विजय, 9. अजित, 10. ब्रह्मा, 11. यक्षेट् (मनुज), 25 12. कुमार, 13. षण्मुख, 14. पाताल, 15 किन्नर, 16. गरुड, 17. गांधर्व, 18. यक्षेन्द्र ( यक्षेट् ), 19. कुबेर, 20. वरुण, 21. भृकुटि, 22. गोमेध, 23. पार्श्व अने 24. मातंग-आ (बधा) जिनेश्वरदेवोने आश्रित (शासनदेवो) छे॥९-११॥ (ते प्रत्येक जिनेश्वर अने देवनी नीचे क्रमशः-) 1. चक्रेश्वरी, 2. अजितबला, 3. दुरितारि, 4. कालिका,.. 5. महाकाली, 6. अच्युता, 7. श्यामा, 8. भृकुटी, 9. सुतारका, 10. अशोक, 5.धर्मा श्री. झ। 6 मलिः श्री.स। 7 नेमि श्रीस। 8 कुसुम० इति नाम अभिधानचिन्तामणौ। 9 मनुजः इति नाम अमिधानचिन्तामणौ। 10 चण्डी / 11 ०व-संरिना० अ। 30