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________________ नमस्कार स्वाध्याय जैन साहित्य विकास मंडळे छेल्ला दस वर्षमा प्रतिक्रमण, योग, ध्यान वगेरे विषयोनुं महत्त्वपूर्ण साहित्य प्रकट कर्यु छे। कलिकालसर्वज्ञ श्री हेमचंद्राचार्यविरचित 'योगशास्त्र 'ना आठमा प्रकाश उपर श्री जैन साहित्य विकास मंडळना संचालक शेठ श्री अमृतलाल कालिदास दोशी विस्तारथी विवेचन लखी रह्या छे। तेमां श्री शास्त्रकार भगवंते ध्याननी विविध प्रणालिकाओ अने ध्याननी एक आखी सम्पूर्ण पद्धति केवी निगूढ करेली छे, तेनुं समन्वयपूर्वक निदर्शन छे / ए कृति अमे आ ग्रंथमा लेवाना हता, परन्तु तेनुं विवेचन हजु संपूर्ण थयु न होवाथी अमे अहीं प्रकाशित करी शक्या नथी। प्रथम भागनी माफक ज आ ग्रंथने सर्वांग सुन्दर बनाववानुं भगीरथ कार्य तो प. पू. मुनिराज श्रीतत्त्वानंदविजयजी महाराजे करेल छ / अमारी विनंतिने मान आपीने जेओए आ ग्रंथy कार्य प. पू. मुनिवर्य श्रीतत्त्वानंदविजयजी महाराजने सोंप्यु ते सिद्धान्तमहोदधि पूज्यपाद आचार्य भगवंत श्रीविजयप्रेमसूरीश्वरजी म. सा., प. पू. पं. श्रीभद्रंकरविजयजी गणिवर्य अने प. पू. पं. श्रीभानुविजयजी गणिवर्यना अमे अत्यन्त ऋणी छीए। प्रस्तुत ग्रंथना अनुवादनादिमां विद्वद्वर्य प.पू.पं.श्री धुरंधरविजयजी गणिवर्य, न्यायादि शास्त्रोमा निष्णात प.पू. मु. श्री जंबूविजयजी म. अने प. पू. श्री तत्त्वानंदविजयजी ए अमने घणी ज सारी सहाय करेल छ / ___ आ उपरांत आगमप्रभाकर प. पू. मुनिराज श्रीपुण्यविजयजी महाराज तथा पू. मुनिश्री यशो विजयजी महाराज वगेरेनो हस्तप्रतो तथा यंत्रसामग्री वगेरे आपवा बदल खास आभार मानीए छीए। प्रथम भागनी माफक आ बीजा भागमां पण अनेक चित्रो तथा यन्त्रो आपवामां आव्या छ। अने ए बधुं कार्य डभोईना सुप्रसिद्ध चित्रकार श्रीरमणलाले खूब परिश्रमपूर्वक कर्यु छे। ते बदल संस्था तरफथी तेमने धन्यवाद आपीए छीए। संशोधन अने संग्रहना आ कार्यमा खास करीने हस्तप्रतो पूरी पाडवामां अनेक संस्थाओ, ज्ञानभण्डारो, अनेक प्रतिष्ठित व्यक्तिओ तेम ज विद्वानो तरफथी अमने सारो सहकार मळ्यो छे / तेमां नीचे जणावेल ज्ञानभंडारो तथा संस्थाओना अमे अत्यन्त ऋणी छीए / आरा कलकत्ता पालीताणा पूना पाटण सोलापुर बडोदरा (1) जैन सिद्धान्त भवन हस्तलिखित ग्रन्थसंग्रह (2) रॉयल एशियाटिक सोसायटी (3) श्रीविजयमोहनसूरीश्वरजी हस्तलिखित शास्त्रसंग्रह ... (4) भाण्डारकर रिसर्च इन्स्टिटयूट (5) श्री केसरबाई ज्ञान मंदिर (6) श्री जीवराज जैन ग्रन्थालय (7) श्री मुक्तिकमल ज्ञानमंदिर (8) पं. अमृतलाल मोहनलाल भोजकनो संग्रह (9) श्री अमरविजयजी ज्ञानभण्डार ... (10) श्री तपगच्छ जैन भण्डार (11) श्री मोहनलाल भगवानदास झवेरीनो संग्रह (12) श्री हंसविजयजी शास्त्रसंग्रह जैन ज्ञानमंदिर (13) श्री शान्तिनाथजी जैन मंदिर हस्तलिखित संग्रह (14) शेठ श्रीआणंदजी कल्याणजीनी पेढी हस्तक श्री जैन श्वे. ज्ञानभण्डार ::::::::::: पाटण डभोई जयपुर मुंबई वडोदरा मुंबई लींबडी
SR No.004318
Book TitleNamaskar Swadhyay Sanskrit Vibhag
Original Sutra AuthorN/A
AuthorDhurandharvijay, Jambuvijay, Tattvanandvijay
PublisherJain Sahitya Vikas Mandal
Publication Year1962
Total Pages398
LanguageSanskrit, Hindi, Gujarati
ClassificationBook_Devnagari & Book_Gujarati
File Size10 MB
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