________________ मुंबई " काशी निवेदन (15) श्री वर्धमान जैन आगममंदिर / पालीताणा (16) श्री मुक्ताबाई जैन ज्ञानमंदिर ... ... डभोई (17) श्री पन्नालाल दिगम्बर जैन सरस्वती भवन, भुलेश्वर (18) श्री जैनधर्मप्रसारक सभा भावनगर (19) श्री आत्मानंद जैन सभा ... (20) श्री भारतीय ज्ञानपीठ / (21) श्री लालभाई दलपतभाई भारतीय संस्कृति विद्यामंदिर ... ... अमदाबाद आना पछी अमे नमस्कार-स्वाध्यायनो त्रीजो विभाग पण प्रकट करवाना छीए / जेमा संस्कृत अने प्राकृत सिवायनी भाषाओमां रचायेला प्रकाशित तथा अप्रकाशित महत्त्वपूर्ण संदर्भोनो, समावेश थशे / आ प्रकारे आत्रणेय भागो पंचमंगलमहाश्रुतस्कन्धसूत्रना स्वाध्यायमां महार्थ, अपूर्वार्थ, परमार्थ गर्भार्थसद्भाव, समासार्थ, विस्तरार्थ, सारार्थ वगेरेनां अवधारण माटे, एक विज्ञानचक्रनी (एनसाइक्लोपीडियानी) गरज सारशे एवी अमे आशा सेवीए छीए अने प्रस्तुत ग्रंथमा छमस्थता, अनुपयोग, प्रेसदोष आदि कारणोथी जे काई शास्त्रविरुद्ध लखायुं होय, तेनो अमे 'मिच्छामि दुक्कडं' दईए छीए। आ ग्रंथनु निमित्त पामीने भव्य आत्माओमां सम्यग्दर्शन-ज्ञान-चारित्र्यनी निर्मलता सदा वृद्धिने पामती रहे, ए ज मंगल कामना। भाद्रपद वद, 13 वि. सं. 2018 विलेपारले, मुंबई, 56 (AS) निवेदक पं. अमृतलाल ताराचंद दोशी मंत्री, श्री जैन साहित्य विकास मंडळ ता. 26-9-62.