________________ III : Index of Verses of the Linganusasana in the Auto-commentary of the PGBV. // 3 // स्वोपज्ञवृत्तिस्थलिङ्गानुशासनपद्यानमनुक्रमणिका // अर्बुदलोहितयौवनवृत्ता...... / 1 / 2 / 1 / 1 / 15 / / * मालकपुस्तकमस्तकनिष्का:..।।१।२।१।१।१४।। उच्चारवेधः प्रसवाश्च संवत्..॥१।२।१।१।३३।। / मुष्काकाशौ क्षेमं क्षीरं शङ्खः...||१।२।१।१।२६।। उद्यमपटहप्रतिसरमरक...॥१।२।१।१।२७।। मृत्युर्घटः कण्डुविभीतको तट:...||१।२।१।१।३७।। ऐरावतप्रयुतसान्ववतंसजृम्भाः .. / / 1 / 2 / 1 / 1 / 19 // रं च तनोर्दलखामृत दु:ख..॥१।२।१।१।२।। ओदनचन्दनशृङ्गविधानाः...||१।२।१।१।१३।। लिङ्गं स्त्रियां योनिमतां तथो...॥१।२।१।१।३४। कान्तारतीरे शिशिरं करीरं.....।।१।२।१।१।१०।। लोकायतालीढभगेङ्गदाङ्गं...।।१।२।१।१।९।। कारणकारकलोष्टकरोटं ... // 1 / 2 / 1 / 1 / 7 // वर्णार्चिषर्मासरुद्ध्वनाो...॥१।२।१।१।२९।। किसलयजगच्च भुवनं...॥१।२।१।१।११। वृष्णिगिरी वलिदुन्दुभिनाक्षो...।।१।२।१।१।३०।। कीलकपोलगरास्तरलश्च...।।१।२।१।१॥३१॥ शकलचमसौ मुस्तं बुस्तं...||१।२।१।१।१८।। कुतपो विटपो निगडो रजतः...॥१।२।१।१।२३॥ / शत्यादियोन्यादि मरीचिपाटलि...।।१।२।१।१।३५।। कुहकचिबुके लिङ्गं.... // 1 / 2 / 1 / 1 / 6 / / शल्लकमल्लकवृश्चिकशाटाः...||१।२।१।१।३६।। . ग्रन्थिः पिचण्ड: कलिकुक्षिकेलि शल्वाच्यवन्नामगुणश्च..।।१।२।१।१।३८॥ ...... // 1 / 2 / 1 / 1 / 17 // शेखरखण्डलदाडिममध्याः .. // 1 / 2 / 11 / 22 / / चरकचषको खण्डं मुण्डं..॥१।२।१।१।१७।। शैलद्यूतौ शौचं कुष्ठं पूल....॥१।२।१।१२५।। र्डस्येतदादित्व उपक्रमोप.॥१।२।१।१।४।। सप्ताधिकाविंशतिरत्र पुंसि.॥१।२।१।१।१।। पिण्याककल्कमधुपङ्कवितङ्क.॥१।२।१।१।२१॥ संख्येयसंख्यैकपराशताद् यद्...।।१।२।१।१।१२॥ पंस्यत्स्नुदब्धणघणकोकिलान्तः...||१।२।१।१।२८॥ सिध्मेध्मकूर्पोडुपयुग्मगुल्म..॥१।२।१।१।८।। पर्वप्रवालशतमानकबन्धतीर्थाः....॥१।२।१।१।२०॥ स्वाडे सहळ्यायदलेष...॥१।२।१।११५|| प्रग्रीवपात्रीवपुसीरपिष्टौ...||१।२।१।१।२४।। हलोदराणां फलपुष्पलोह...॥१।२।१।१।३॥ मङ्गलशम्बलशालकरीषा:....।।१।२।१।१।१६।। * अत्राधिक्येन सूत्रस्य वृत्तिगतपद्यस्य च संख्यानिर्देशः / NMK.