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________________ ॐ नम: सिद्धेभ्यः श्रीशर्ववर्मकृत-कलापव्याकरणस्य वादिपर्वतवज्रश्रीमद्भाक्सेनत्रैविद्यकृताटीका कातन्त्ररूपमाला मङ्गलम् 'वीरं प्रणम्य सर्वज्ञ, विनष्टाशेषदोषकम्। कातन्त्ररूपमालेयं, बालबोधाय कथ्यते // 1 // नमस्तस्यै सरस्वत्यै, विमलज्ञानमूर्तये।। विचित्रालोकयात्रेयं, यत्प्रसादात्प्रवर्तते // 2 // मंगलाचरण का अर्थ जिन्होंने सम्पूर्ण दोषों को नष्ट कर दिया है और जो संपूर्ण चराचर जगत् को जान लेने से सर्वज्ञ हो चुके हैं ऐसे वीर भगवान को नमस्कार करके बालकों को व्याकरण का ज्ञान कराने के लिये इस छोटी-सी कातंत्ररूपमाला नाम की व्याकरण को मैं कहता हूँ // 1 // भावार्थ-कु-ईषत् तंत्र-व्याकरणं / थोड़े से सूत्र जिसमें हैं उसे कातंत्र कहते हैं। इस कातंत्र व्याकरण में भी बहुत ही थोड़े सूत्रों के द्वारा व्याकरण के सारे ही नियम बता दिये गये हैं। इसमें संज्ञायें भी बहुत ही सरल हैं अत: इसका “कातंत्र" यह नाम सार्थक है। . विमलज्ञान-द्वादशांग ज्ञान की मूर्तिस्वरूप उस सरस्वती माता को मेरा नमस्कार है कि जिसके प्रसाद से एक स्थान में बैठे-बैठे ही सारे तीन लोक की विचित्र यात्रा का आनंद आ जाता है // 2 // १.वि विशिष्टां ई लक्ष्मी राति ददातीति वीरः। अथवा विशेषेण ईतें सर्वान् सकलपदार्थान् जानातीति वीरः। वि विशिष्टा इरा वाक् दिव्यध्वनिर्यस्यासौ वीरः। अथवा वि विशिष्टा इरा अष्टमपृथ्वी यस्यासौ वीरः। अथवा वीरयतीति वीर: कामराजयमराजमोहराजान् निराकरोतीति वीरः। वि विशिष्टा ईरा गगनगमनं यस्यासौ वीरः तं प्रणमनं पूर्व पश्चात्किचिदिति प्रणम्य // सर्व जानातीति सर्वज्ञः सर्वान् सकलपदार्थान् क्रमकरणव्यवधानराहित्येन युगपत् जानातीति सर्वज्ञः॥ नश्यंतिस्म नष्टाः। वि विशेषेण नष्टा विनष्टाः। अशेषाश्च ते दोषाश्च अशेषदोषा। विनष्टा: अशेषदोषा येनासौ विनष्टाशेषदोषकः तम् / कु ईषत्तत्रं कातन्त्रं, रूपाणां माला रूपमाला, कातन्त्रस्य रूपमाला कातन्त्ररूपमाला // 2. सरः / प्रसरणं सर्वज्ञानमया मूर्तिरस्या अस्तीति सरस्वती तस्यै / विगतं मलं यस्मात्तद्विमलं / ज्ञायतेऽनेन इति ज्ञानं विमलं च तत् ज्ञानं च विमलज्ञानं / विमलज्ञानमेव मर्तिर्यस्याः सा विमलज्ञानमतिः तस्यै //
SR No.004310
Book TitleKatantra Vyakaran
Original Sutra AuthorN/A
AuthorGyanmati Mataji
PublisherDigambar Jain Trilok Shodh Sansthan
Publication Year1992
Total Pages444
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari
File Size8 MB
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