________________ कृदन्तः 313 गमहनविदविशदृशां वा॥५०४॥ एषां वन्स् आजारड् वा भवति यथासंभवं उपधालोप: / जग्मिवान् / इडभावे। वमोश्च / / 505 // वमोश्च परयोर्द्धातोों नो भवति / जगन्वान् जनिवान् / जवन्वान् / विविदिवान् / विविद्वान् / विविशिवान् / विविश्वान् / ददृशिवान् / दास्वान्साहान्मीदवांश्च // 506 // - एते क्वन्स्प्रत्ययान्ता निपात्यन्ते। दास दाने। दास्वान् / षह मर्षणे। साह्वान् / मिह सेचने। मीढ्वान्। .. तव्यानीयौ // 507 // धातोस्तव्यानीयौ भवतः। ते कृत्याः // 508 // ते तव्यादय: कृत्या भवन्ति। भावकर्मणोः कृत्यक्तखलाः / / 509 // भावे कर्मणि च कृत्यक्तखला वेदितव्याः // पूर्वस्यापवादोऽयं // सुजनेन भवितव्यं / भवनीयं / अनुक्ते कर्तरि तृतीया। एधितव्यं / एधनीयं / उक्त कर्मणि प्रथमा। अभिभवितव्य: शत्रुः / अभिभवनीयः / कर्तव्य: करणीय कट: दातव्यं दानीयं धनं / ___गम् हन् विद् विश् और दृश् धातु से वन्स् प्रत्यय के आने पर विकल्प से उपधा का लोप होता है // 504 // ___ज गम् वन्स् में उपधा का लोप होकर विकल्प से इट् होकर जग्मिवान् बना। . व और म से परे धातु से म् को न हो जाता है // 505 // जगन्वान / हन धात से ह को ध होकर इट होकर जनिवान / इट के अभाव में जघन्वान / विद धातु से विविदिवान् / विविद्वान् / विश्-विविशिवान्, विविश्वान् / ददृशिवान् / दास्वान्, साह्वान् और मीढ्वान् शब्द क्वंस् प्रत्ययांत निपात से सिद्ध होते हैं // 506 // दास-देना = दास्वान् / षह-मर्षण करना= साह्वान् मिह–सेचन करना = मीढ्वान् ये / सब शब्द परोक्षा अर्थ में क्वंसु कान प्रत्यय से बने हैं। धातु से तव्य अनीय प्रत्यय होते हैं // 507 // ये तव्य आदि प्रत्यय 'कृत्य' संज्ञक होते हैं // 508 // कृत्य, क्त और खल अर्थ वाले प्रत्यय भाव और कर्म में होते हैं // 509 // यह पूर्व का अपवाद है। भू तव्य भू अवीय 'नाम्यंतयोधातुविकरणयोर्गुणः' सूत्र से गुण होकर 'इडागमोऽसार्वधातकस्यादिव्यंजनादेरयकारादे: २२७वें सत्र से इट का आगम होकर भवितव्य बना 'कृत्तद्धितसमासाश्च सूत्र से लिंग संज्ञा होकर सि विभक्ति में नपुंसक लिंग का एकवचन हुआ। भवितव्यं / अनीय में इट् प्रत्यय न होकर भवनीयं बना। सूत्र में नहीं कहने पर भी तव्य अनीय प्रत्यय वाले शब्दों के प्रयोग में कर्ता में तृतीया होती है। कर्मणि प्रयोग में कर्ता में तृतीया एवं कर्म में प्रथमा होती है। त्वया अभिभवितव्य: शत्रु:-तुम्हें शत्रु का तिरस्कार करना चाहिये / इत्यादि।