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________________ उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन जो श्रमण शय्यातर-पिण्ड, अभिहृत-पिण्ड, राज-पिण्ड, नित्य-पिण्ड, अग्र-पिण्ड आदि आहार का उपभोग करते थे, उन्हें 'देशतः पार्श्वस्थ' कहा गया। आजीवक 'सर्वतः पार्श्वस्थ' थे / गोशालक आजीवक-सम्प्रदाय के आचार्य थे, प्रवर्तक नहीं। वह गोशालक से पहले ही प्रचलित था।' श्वेताम्बर-साहित्य के अनुसार गोशालक भगवान् महावीर के शिष्य थे और दिगम्बरसाहित्य के अनुसार वे भगवान् महावीर की प्रथम प्रवचन-परिषद् में उपस्थित थे। महावीर से उनका सम्पर्क था, इसमें दोनों सहमत हैं। .. दिगम्बर-साहित्य के अनुसार गोशालक पार्श्व-परम्परा में थे और श्वेताम्बर-साहित्य में नियतिवादियों को 'पार्श्वस्थ' कहा है / इस प्रकार उनके पार्श्व की परम्परा से सम्बन्धित होने में भी दोनों सहमत हैं। इन दो अभिमतों से यह निष्कर्ष निकाला जा सकता है कि गोशालक प्रारम्भ में पार्श्व की परम्परा में दीक्षित हुए और बाद में महावीर के साथ रहे / दिगम्बरों ने पहली स्थिति को प्रमुखता दी और गोशालक को पार्श्व की परम्परा का श्रमण माना। श्वेताम्बरों ने दूसरी स्थिति को प्रमुखता दी और गोशालक को महावीर का शिष्य माना। किन्तु इतना निश्चित है कि भगवान् पार्श्व की परम्परा व भगवान् महावीर से उनका पूर्व सम्बन्ध रहा था। दर्शनसार में मस्करी गोशालक व पूरणकश्यप का एक साथ उल्लेख है। इससे उनके घनिष्ट सम्बन्ध की भी सूचना मिलती है। एक परम्परा में दीक्षित होने के कारण उनका परस्पर सम्बन्ध रहा हो तो कोई आश्चर्य की बात नहीं। अंगुत्तरनिकाय में मस्करी गोशालक के छह अभिजाति के सिद्धान्त को पूरणकश्यप का बतलाया गया है। इस प्रकार बुद्ध, मस्करी गोशालक और पूरणकश्यप का श्रमण-परम्परा के मूल-स्रोत भगवान् पार्श्व या महावीर से सम्बन्ध था, इसका स्पष्ट उल्लेख मिलता है। संजय, अजितकेशकम्बल और प्रकुद्धकात्यायन के विषय में कोई स्पष्ट जानकारी नहीं मिलती, फिर भी उनकी परम्परा सर्वथा मौलिक रही हो, ऐसा प्रतिभासित नहीं होता। p-History and Doctrines of the Ajivikas, p. 97. २-अंगुत्तरनिकाय, भाग 3, पृ० 383 /
SR No.004302
Book TitleUttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1968
Total Pages544
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size8 MB
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