________________ खण्ड 2, प्रकरण : 5 सभ्यता और संस्कृति 423 हाथियों को शङ्ख और शृङ्खलाओं से अलंकृत करते थे।' ___ कई व्यक्ति वीणा-वादन में इतने निपुण होते थे कि उनकी वीणा के स्वर को सुनकर हाथी भी झूमने लग जाते / 2 हाथी विभिन्न प्रकार के होते थे। गन्धहस्ती हाथियों में श्रेष्ठ माना जाता था। उसका उपयोग युद्ध-स्थल में किया जाता था। उसके मल-मूत्र में इतनी गन्ध होती थी कि उससे दूसरे सभी हाथी मदोन्मत्त हो जाते थे। वह जिधर जाता, सारी दिशाएं गन्ध से महक उठती थीं। प्रद्योत के पास नलगिरि नाम का ऐसा ही एक हाथी था। राजा लोग अश्ववाहनिका के लिए घोड़ों पर सवार होकर जाते थे। पशुओं का भोजन पशुओं को कण, ओदन और यवस् ( मूंग, उड़द आदि धान्य ) दिए जाते थे / घोड़ों को यवस् और तुष विशेष रूप से दिये जाते थे / चावलों की भूसी अथवा चावल मिश्रित भूसी पुष्टिकारक तथा सुअर का प्रिय भोजन था। .. जनपद जनपद अनेक भागों में विभक्त थे। उनके विभाजन के हेतु थे--(१) कर-पद्धति, (2) व्यवसाय, (3) भौगोलिक स्थिति और (4) प्राकार / १-बृहद्वृत्ति, पत्र 11 / . २-सुखबोधा, पत्र 60 / ३-वही, पत्र 254 तत्थ नलगिरिणा मुत्तपुरीसाणि मुक्काणि / तेण गन्धेण हत्थी उम्मत्ता। तं च विसं गन्धो एइ...। ४-वही, पत्र 103 / ५-उत्तराध्ययन, 71 / ६-सुखबोधा, पत्र 96 / ७-उत्तराध्ययन चूर्णि, पृ० 27 /