________________ खण्ड 2, प्रकरण : 3 भौगोलिक परिचय 376 सौवीर . आधुनिक विद्वान् 'सौवीर' को सिन्धु और झेलम नदी के बीच का प्रदेश मानते हैं / ' कुछ विद्वान् इसे सिन्धु नदी के पूर्व में मुल्तान तक का प्रदेश मानते हैं / 'सिन्धु-सौवीर' ऐसा संयुक्त नाम ही विशेष रूप से प्रचलित है। किन्तु सिन्धु और सौवीर पृथक-पृथक राज्य थे। उत्तराध्ययन में उद्रायण को 'सौवीरराज' कहा गया है। टीका से भी उसकी पुष्टि होती है। उसमें उद्रायण को सिन्धु, सौवीर आदि सोलह जनपदों का अधिपति बतलाया गया है / सुग्रीव नगर इस नगर की आधुनिक पहचान ज्ञात नहीं है और प्राचीन-साहित्य में भी इसके विशेष उल्लेख नहीं मिलते / मगध मगध जनपद वर्तमान गया और पटना जिलों के अन्तर्गत फैला हुआ था। उसके उत्तर में गंगा नदी, पश्चिम में सोन नदी, दक्षिण में विन्ध्याचल पर्वत का भाग और पूर्व में चम्पा नदी थी। इसका विस्तार तीन सौ योजन (2300 मील) था और इसमें अस्सी हजार गाँव थे। मगध का दूसरा नाम 'कीकट' था। मगध चरेश तथा कलिंग नरेशों के बीच वमनस्य चलता था।' कौशाम्बी कनिंघम ने इसकी आधनिक पहचान यमुना नदी के बाएँ तट पर, इलाहाबाद से सीधे रास्ते से लगभग 30 मील दक्षिण-पश्चिम में स्थित 'कोसम' गाँव से की है। '१-इण्डिया अज डिस्क्राइब्ड इन अली ट्रेक्ट्स ऑफ बुद्धिज्म एण्ड जैनिज्म, पृ०७०। २-पॉलिटिकल हिस्ट्री ऑफ एन्शिएन्ट इण्डिया, पृ० 507, नोट 1 / ३-उत्तराध्ययन, 18048 / ४-सुखबोधा, पत्र 252 / ५-बुद्धिस्ट इण्डिया, पृ० 24 / ६-वही, पृ० 24 / ७-वसुदेवहिण्डी, पृ० 61-64 / ८-दी एन्शिएन्ट ज्योग्राफी ऑफ इण्डिया, पृ० 454 /