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________________ 376 उत्तराध्ययन : एक समीक्षात्मक अध्ययन . . पुरिमताल का अनेक ग्रन्थों में उल्लेख हुआ है। यह अयोध्या का उपनगर था, ऐसा . भगबान् महावीर के विहार-क्षेत्र से प्रतीत होता है। दशार्ण बुन्देलखण्ड में धसान नदी बहती है। उसके आसपास के प्रदेश का नाम 'दसण्ण' दशार्ण है। ___दशार्ण नाम के दो देश मिलते हैं-एक पूर्व में और दूसरा पश्चिम में / पूर्व-दशार्ण मध्यप्रदेश के छत्तीसगढ़ जिले में माना जाता है। पश्चिम-दशार्ण में भोपाल राज्य और पूर्व-मालव का समावेश होता है। बनास नदी के पास बसी हुई मृत्तिकावती नगरी दशार्ण जनपद की राजधानी मानी जाती है। कालीदास ने दशार्ण जनपद का उल्लेख करते हुए 'विदिशा' (आधुनिक भिलसा) का उसकी राजधानी के रूप में उल्लेख किया है। - जैन-आगमों में उल्लिखित साढ़े पच्चीस आर्य देशों में 'दशार्ण' जनपद का उल्लेख है। दशार्ण जनपद के प्रमुख नगर दो थे—(१) दशार्णपुर (एलकच्छ, एडकाक्ष-झाँसी से 40 मील उत्तर-पूर्व 'एरच-एरछ' गाँव) और (2) दशपुर ( आधुनिक मंदसौर ) / ___ आर्य महागिरि इसी जनपद में दशार्णपुर के पास गजानपद (दशार्णकूट) पर्वत पर अनशन कर मृत्यु को प्राप्त हुए थे।३ दशार्णभद्र इस जनपद का राजा था। महावीर ने उसे इसी पर्वत पर दीक्षित किया था। काशी और वाणारसी ____ काशी जनपद पूर्व में मगध, पश्चिम में वत्स (वंस), उत्तर में कोशल और दक्षिण में 'सोन' नदी तक विस्तृत था। ___ काशी जनपद की सीमाएं कभी एक-सी नहीं रही हैं। काशी और कोशल में सदा संघर्ष चलता रहता और कभी काशी कोशल का और कभी कौशल काशी का अंग बन जाता था। ई० पू० छठी-पाँचवीं शताब्दी में काशी कोशल के अधीन हो गया था। उत्तराध्ययन सूत्र में हरिकेशबल के प्रकरण में टीकाकार ने बताया है कि हरिकेशबल वाणारसी के तिन्दुक उद्यान में अवस्थित थे। वहाँ कोशलिकराज की पुत्री भद्रा यक्ष १-मेघदुत, पूर्वमेघ, श्लोक 23-24 / २-वृहत्कल्प भाज्य, भाग 3, पृ० 913 / ३-आवश्यक चूर्णि, उत्तरभाग, पृ० 156-157 /
SR No.004302
Book TitleUttaradhyayan Ek Samikshatmak Adhyayan
Original Sutra AuthorN/A
AuthorTulsi Acharya, Nathmalmuni
PublisherJain Shwetambar Terapanthi Mahasabha
Publication Year1968
Total Pages544
LanguageSanskrit, Hindi
ClassificationBook_Devnagari & agam_related_other_literature
File Size8 MB
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