________________ खण्ड : 1, प्रकरण : 1 १-श्रमण और वैदिक परम्पराएं तथा उनका पौर्वापर्य नगर के राज्य के स्वामि सु-जाति के देव नेबुशर नेजर आए हैं। वह वदुराज के स्थान (द्वारिका) आए हैं / उन्होंने मंदिर बनवाया है / सूर्य-देवनेमि कि जो स्वर्ग समान रेवत पर्वत के देव हैं (उन्हें) सदैव के लिए अर्पण किया।' बावल के सम्राटों में नेवुशर और नेजर नामक दो सम्राट हुए हैं। पहले का समय ई० सन् से लगभग दो हजार वर्ष पहले है और दूसरे ई० सन् पूर्व छठी या 7 शती में हुए हैं / इन दोनों में से एक ने द्वारिका आकर रेवत (गिरनार) पर्वत पर भगवान् नेमिनाथ का मंदिर बनवाया था। इस प्रकार साहित्य व ताम्र-पत्र-लेख-दोनों से अरिष्टनेमि का अस्तित्व प्रमाणित होता है। १-गुजराती 'जैन', भाग 35, पृ० 2 / २-संक्षिप्त जैन इतिहास, भाग 1, पृ० 9 /