________________ २-कर्मवाद और लेश्या 247 (2) नील (4) तेजस् (6) शुक्ल मेघ की तरह कृष्ण अशोक की तरह नील अलसी पुष्प की तरह मटमैला हिंगुल की तरह रक्त हरिताल की तरह पीत शङ्ख की तरह श्वेत। खण्ड 1, प्रकरण : (1) नाम (1) कृष्ण (3) कापोत (5) पद्म (2) वर्ण (1) कृष्ण(२) नील - (3) कापोत(४) तेजस्-- (5) पद्म (6) शुक्ल(३) रस (1) कृष्ण(२) नील(३) कापोत(४) तेजस्(५) पद्म-- (6) शुक्ल-3 (4) गंध (1) कृष्ण(२) नील(३) कापोत(४) तेजस्(५) पद्म(६) शुक्ल तुम्बे से अनन्त गुना कड़वा त्रिकुट (सोंठ, पिप्पल और काली मिर्च) से अनन्त गुना तीखा केरी से अनन्त गुना कसैला पके आम से अनन्त गुना अम्ल-मधुर आसव से अनन्त गुना अम्ल, कसैला और मधुर खजूर से अनन्त गुना मधुर मृत सर्प की गंध से अनन्त गुना अमनोज्ञ सुरभि कुसुम की गन्ध से अनन्त गुना मनोज्ञ १-उत्तराध्ययन, 34 / 3 / २-वही, 34 // 4-9 / ३-वही, 34 / 10-15 / ४-वही, 34 / 16-17 /