________________ खण्ड 1, प्रकरण : 7 ६-आवश्यक कर्म 203 उत्तराध्ययन में प्रत्याख्यान के कुछ विशेष उदाहरण भी प्राप्त होते हैं। उनके नाम और परिणाम इस प्रकार हैंनाम परिणाम (1) संभोग प्रत्याख्यान रस विजय (2) उपधि प्रत्याख्यान वस्त्र विजय (3) आहार प्रत्याख्यान क्षुधा विजय (4) कषाय प्रत्याख्यान सुख-दुःख में सम रहने की शक्ति का विकास (5) योग प्रत्याख्यान आत्म-साक्षात्कार (6) शरीर प्रत्याख्यान पूर्णता की उपलब्धि (7) सहाय प्रत्याख्यान स्वतंत्रता का विकास (8) भक्त प्रत्याख्यान संसार का अल्पीकरण (8) सद्भाव प्रत्याख्यान वीतरागता' - ये प्रत्याख्यान दैनिक आवश्यक कर्म नहीं है, किन्तु विशेष साधना के अंग हैं। १-उत्तराध्ययन, 29 // 33-41 / . ..