________________ 54. श्रीमद् भागवत पुराण 4/22/40 55. मध्यकालीन हिन्दी कृष्ण काव्य में रूप सौन्दर्य - डॉ० पुरुषोत्तम अग्रवाल - पृ० 29 56. श्रीमद् भागवत 10/59 57. काचिद् भ्रूभंगरं कृत्वा ललाटफलकं हरिम्। विलोक्य नेत्रमृगाभ्यां पपौ तन्मुखपंकजम्॥ विष्णु पुराण 13/45 58. भारतीय साधना और सूर साहित्य - डॉ० मुंशीराम शर्मा - पृ० 156 59. हिन्दी कृष्ण काव्य में भक्ति एवं वेदान्त - डॉ० संतोष पाराशर - पृ० 19 60. J.R.A.S. में हिन्दुओं पर मिटोरियन ईसाइयों का ऋण - शीर्षक लेख 61. . कल्याण (कृष्णांक) वर्ष 1932 पृ० 351 62. सूर-सौरभ डॉ० मुंशीराम शर्मा पृ० 79 63. कल्याण (कृष्णांक) वर्ष 1932 पृ० 352-353 64. वैष्णविग्म, शैविज्म एण्ड माइनर जूलीजियस सिस्टम - डॉ. भण्डारनायके पृ० 37-38 65. सूर-साहित्य-डॉ० हजारी प्रसाद द्विवेदी पृ० 8 66. सूर के कृष्ण - शशि तिवारी - पृ० 13 67. हिन्दी कृष्ण काव्य में भक्ति और वेदान्त - डॉ० संतोष पाराशर - पृ० 20 68. आलवार भक्तों का तमिल प्रबन्ध और कृष्ण काव्य-डॉ० मलिक मोहम्मद पृ० 34 से 37 69. वैष्णविज्म, शैविज्म एण्ड माइनर जूलीजियस सिस्टम - डॉ. भण्डारनायके पृ० 48 70. सूर के कृष्ण - शशि तिवारी - पृ० 25 71. सूर के कृष्ण - शशि तिवारी - पृ० 26 72. हिन्दी पर संस्कृत साहित्य का प्रभाव - सरनाम सिंह पृ० 71 73. संस्कृति के चार अध्याय - रामधारीसिंह दिनकर - पृ० 62 74. हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ - राजनाथ शर्मा - पृ० 130 / 75. हिन्दी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास - रामकुमार वर्मा - पृ० 307 76. हिन्दी साहित्य की प्रवृत्तियाँ - ले० राजनाथ शर्मा - पृ० 234 77. हिन्दी कृष्ण काव्य में भक्ति और वेदान्त - डॉ० संतोष पाराशर - पृ० 36 78. हिन्दी साहित्य का इतिहास - आचार्य रामचन्द्र शुक्ल - पृ० 109 79. - हिन्दी साहित्य का विवेचनात्मक इतिहास - डॉ० रामकुमार वर्मा, पृ० 297 80. हिन्दी कृष्ण काव्य में भक्ति और वेदान्त - डॉ० संतोष पाराशर पृ० 162 81. हिन्दी साहित्य का इतिहास - डॉ० नगेन्द्र - पृ० 222 82. चौरासी वैष्णव की वार्ता - गोकुलदास - पृ० 62 83. अष्टछाप और वल्लभ सम्प्रदाय - डॉ. दीनदयाल गुप्त - पृ० 229 .